India China Border Clash: अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प का मसला काफी गरमा गया है. मंगलवार (13 दिसंबर) को इस मुद्दे की गूंज संसद में भी सुनाई पड़ी. इस बीच अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू (Pema Khandu) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. पेमा खांडू ने मंगलवार को कहा कि अगर कोई अतिक्रमण करने की कोशिश करता है तो भारतीय सेना (Indian Army) मुंहतोड़ जवाब देगी.


अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग सेक्टर में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद मुख्यमंत्री ने अपनी टिप्पणी में चीन को साफ संदेश दिया कि ये 1962 का दौर नहीं है.


अब 1962 का दौर नहीं है- खांडू


अरुणाचल प्रदेश मुख्यमंत्री पेमा खांडू खांडू ने एक ट्वीट में कहा, "यांग्त्से मेरे विधानसभा क्षेत्र के तहत आता है और हर साल मैं क्षेत्र के जवानों और ग्रामीणों से मिलता हूं. अब 1962 के वक्त वाला दौर नहीं है. अगर कोई हमारे इलाके को अतिक्रमण करने की कोशिश करता है, तो हमारे बहादुर सैनिक करारा जवाब देंगे.''


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्या कहा?


इससे पहले मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने 9 दिसंबर को तवांग के यांगत्से में हुई घटना पर संसद में बयान दिया. रक्षा मंत्री ने कहा कि चीनी सैनिकों ने लाइन ऑफ कंट्रोल (LAC) का उल्लंघन करने की कोशिश की, जिसकी वजह से सैनिकों के बीच हाथापाई हुई, लेकिन भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को अपनी चौकियों पर लौटने के लिए मजबूर किया और जमीन का अतिक्रमण करने से रोका. 


गृहमंत्री अमित शाह क्या बोले?


वहीं, गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने भी मोदी की सरकार में भारत की एक इंच भी जमीन पर कोई कब्जा नहीं कर सकता है. बता दें कि 9 दिसंबर को तवांग के यांगत्से (Yangtse) में हुई दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में कुछ जवान जख्मी हो गए हैं. 


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