India Chian Standoff: विपक्षी दलों ने अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प को लेकर बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर अपना हमला तेज कर दिया है. संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र (Winter Session) में इसे लेकर काफी हंगामा भी हुआ. क्योंकि विपक्षी सांसदों ने सीमा विवाद पर चर्चा की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव नोटिस पेश किया. लोकसभा (Lok Sabha) में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhary) ने कहा कि सरकार को मौजूदा मुद्दे पर बयान देना चाहिए. 


झड़प में दोनों देशों के सैनिकों के घायल होने की खबर है. ये झड़प 9 दिसंबर को तवांग (Tawang) के करीब हुई है. इस दौरान भारतीय सैनिकों ने चीन (China) को करार जवाब दिया है. एबीपी न्यूज़ के सूत्रों के अनुसार, झड़प में चीन के 20 से ज्यादा सैनिक घायल हुए हैं. अक्टूबर 2021 में अरुणाचल प्रदेश के यांगसे में भी दोनों देशों के सैनिकों में विवाद हुआ था. इस झड़प को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच जुबानी हमले तेज हो गये हैं. विपक्ष सरकार पर हमला बोलने का कोई भी मौका नहीं खो रहा है. आइए आपको बताते हैं कि चीन भारत सैनिकों की बीच हुई इस झड़प को लेकर किसने क्या कहा?


अधीर रंजन चौधरी ने क्या कहा?


कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सरकार को मौजूदा मुद्दे पर बयान देने के लिए कहा. उन्होंने कहा, “चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है. लद्दाख और उत्तराखंड से ये अरुणाचल पहुंचे हैं. चौधरी ने कहा, "हमें चीन की साजिश से निपटने के लिए सरकार की तैयारी जानने का अधिकार है."


पवन खेड़ा ने 1962 की घटना दिलाई याद


संसद में चर्चा की मांग करते हुए कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने कहा कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान संसद में बहस हुई थी, जहां विपक्ष ने तीखे हमले किए थे. उन्होंने कहा कि संसद मार्ग पुलिस थाने के सामने सरकार के खिलाफ मार्च निकालने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी को किसी ने "देशद्रोही" नहीं कहा.


खेड़ा ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “जब चीन लद्दाख में प्रवेश करता है, तो प्रधानमंत्री चीन को बचाते हुए कहते हैं कि कोई भी प्रवेश नहीं किया है. जब अरुणाचल में चीन द्वारा 100 घरों का गांव बसाया जाता है, तो कहा जाता है कि यह 1959 से विवादित क्षेत्र है. आखिर मोदी जी और उनके अंधभक्त हमेशा चीन के बचाव में क्यों नजर आते हैं?” 






मनीष तिवारी ने पूछा ये सवाल


कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, ''सवाल यह नहीं है कि गलवान झड़प हुई या अब तवांग झड़प हुई है. सवाल यह है कि ऐसा क्यों हो रहा है? चीनी वास्तव में क्या चाहते हैं? क्या हमें उनके इरादों के बारे में पता है. यही कारण है कि यह महत्वपूर्ण है. नहीं तो उनकी देखभाल के लिए हमारे पास युद्ध के लिए तैयार सशस्त्र बल है.”


असदुद्दीन ओवैसी ने PM मोदी पर साधा निशाना


AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने G20 इंडोनेशिया में चीनी नेता शी जिनपिंग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात पर निशाना साधा. ओवैसी ने कहा, "हमारे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि सीमा पर शांति बहाल होने तक पुराने संबंध बहाल नहीं होंगे, लेकिन हम देखते हैं कि हमारे देश के प्रधानमंत्री उठकर चीन के प्रधानमंत्री से मिलते हैं, इसकी आवश्यकता क्यों है? चीन की पीएलए लद्दाख में एक हजार वर्ग किलोमीटर पर बैठी है, यह सच्चाई है और हमारी सरकार कुछ नहीं कहती है, जब अमेरिकी जनरल आते हैं और कहते हैं कि सीमा पर क्या हो रहा है. 






इतना ही नहीं ओवैसी ने इस मुद्दे को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए. ट्वीट्स की एक सीरीज में ओवैसी ने कहा कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के साथ पीएलए की ताकत में 75% की बढ़ोतरी की, आश्चर्य है कि भारत ने ऐसा क्यों नहीं किया. ओवैसी ने ट्वीट किया, “चीन ने डोकलाम, डेपसांग, गालवान और डेमचोक के अनुभवों से सीखा है कि प्रधानमंत्री इस आक्रमण को कभी स्वीकार नहीं करेंगे और एक अलग कहानी बनाने के लिए अपने मित्रवत मीडिया का उपयोग करेंगे. इसलिए, चीन बिना किसी शोर-शराबे के, थोड़ा-थोड़ा आक्रमण करना जारी रखता है,”


राजनाथ सिंह ने संसद में दिया बयान


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तवांग में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प पर आज संसद में बयान दिया. राजनाथ सिंह ने संसद में बताया कि भारतीय सेना के किसी भी जवान की न तो झड़प में मौत हुई और न ही कोई गंभीर जख्मी हुआ. दोनों सैनियों के बीच हाथापाई हुई. इस झड़प में दोनों और के कुछ सैनिकों को चोटें आईं, लेकिन इसमें भारत के किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ. 


अमित शाह ने क्या कहा?


भारत-चीन सैनिकों के बीच 9 दिसंबर को तवांग में हुई हिंसक झड़प के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बीजेपी के शासन में कोई भी भारत की एक इंच जमीन को भी कब्जे में लेने की हिमाकत नहीं कर सकता है. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ''जिस वक्त गलवान में हमारे जवान चीनी सेना के साथ भिड़ रहे थे तब कांग्रेस के लोग चीनी नेताओं के साथ मिल रहे थे. 


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा, ''2011 में कांग्रेस सरकार ने चीन की धमकी के बाद बॉर्डर पर देमचौक (Demchok) में रोड और आधारभूत ढांचे का निर्माण रोक दिया था. कांग्रेस के समय ही हजारों किलोमीटर जमीन हमसे हड़प ली गई. जब तक मोदी सरकार है, एक इंच भी भारत की जमीन कोई कब्जे में नहीं ले सकता है.''


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