India-China Border Clash Live: 'भारतीय सेना ने बहादुरी से चीनी सैनिकों को दिया मुंहतोड़ जवाब,' तवांग झड़प पर राजनाथ सिंह ने संसद में कहा
India-China Border Clash Live: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख, एनएसए अजीत डोभाल समेत तमाम अधिकारियों के साथ बैठक की.
राज्य सभा में राजनाथ सिंह ने तवांग झड़प पर बयान दिया जिसके बाद विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट किया है. विपक्ष राजनाथ के बयान से संतुष्ट नहीं दिखे. कांग्रेस से लेकर टीएमसी और एआईएमआईएम ने वॉकआउट किया.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधनी ने कहा कि जब 12 बजे गृह मंत्री के बयान दिए जाने की बात की गई तो किस हैसियत से गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही बोल दिया कि कुछ नहीं हुआ सीमा पर? रक्षा मंत्री खुद की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं.
राजनाथ आगे बोले, मैं इस सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सेनाएं हमारी भौमिक अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और इसके खिलाफ किसी भी प्रयास को रोकने के लिए सदैव तत्पर हैं. मुझे विश्वास है कि यह सदन हमारी सेनाओं की वीरता और साहस को एक स्वर से समर्थन देगा.
राजनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा, इस घटना के पश्चात, एरिया के लोकल कमांडर ने 11 दिसंबर 2022 को अपने चीन काउंटपार्ट के साथ स्थापित व्यवस्था के तहत एक फ्लैग मीटिंग की और इस घटना पर चर्चा की.
राजनाथ ने बताया कि चीनी पक्ष को इस तरह के एक्शन के लिए मना किया गया और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया. इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया गया है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 9 दिसंबर को चीन ने घुसपैठ की कोशिश की जिसका भारतीय सैनिकों ने मूंहतोड़ जवाब दिया. जिसके चलते चीन वापस अपने इलाके में जाने को मजबूर हुए. उन्होंने कहा कि हमारा कोई सैनिक ना तो शहीद हुआ है ना ही गंभीर रूप से घायल हुआ है.
झड़प मामले पर एक बार फिर ओवैसी ने पीएम मोदी को घेरते हुए कहा कि, हमारे 56 इंच के प्रधानमंत्री चीन का नाम लेने से इतना घबराते क्यों हैं? क्या वजह है कि ढाई साल से चीन लदाख में हमारी ज़मीन पर कब्ज़ा कर के बैठा है और मोदी जी के मुंह से चूं तक नहीं निकलती? इतनी मजबूत सेना है हमारी और इतना डरा हुआ नेता, क्यों?
कंद्रेयी गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी ने 2006-07 में चीनी दूतावास से शोध के लिए पैसा लिया था. जिस वक्त गलवान में हमारे जवान चीनी सेना के साथ भिड़ रहे थे तब वो चीनी नेताओं के साथ मिल रहे थे. 2011 में कांग्रेस सरकार ने चीन की धमकी के बाद बॉर्डर पर धेमचौक में रोड और आधारभूत ढांचा का निर्माण रोक दिया था. कांग्रेस के समय ही हजारों किलोमीटर को जमीन हमसे हड़प ली गई है. ये बीजेपी की सरकार है, एक इंच जमीन पर भी कोई कब्जा नहीं कर सकता.
सूत्रों के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश में चीनी सैनिकों का व्यवहार बेहद आक्रामक रहा है. चीन के ड्रोन भी यहां देखे गए थे जिस पर भारत अपनी पैनी नजर बनाए हुए है.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में कहा कि स्थिति की गंभीरता और विपक्ष द्वारा किए गए अनुरोध को देखते हुए मैं अध्यक्ष से आग्रह करता हूं कि रक्षा मंत्री को दोपहर 2 बजे के बजाय दोपहर 12.30 बजे बयान देने की अनुमति दी जाए.
ओवैसी ने चीन मुद्दे पर सरकार और पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा, प्रधानमंत्री क्यों चीन के नाम से डरते हैं. आप चीन के लीडर से मिलते हैं, हाथ मिलाते हैं और अब देखें इसका नतीजा क्या निकला. उन्होंने कहा कि देश जानना चाहता है कि आखिर क्यों प्रधानमंत्री चीन से डर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें सरकार की तरफ से बयान नहीं बल्कि पूरे मामले पर चर्चा करनी है.
भारत-चीन सैनिकों की बीच हुई झड़प मामले पर संसद में विपक्ष के हंगामे के बाद कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद में भारत-चीन झड़प पर बोलते हुए कहा कि चीन ने हमारी सीमा में घुसपैठ की है. जिस पर उपसभापति ने कहा कि रक्षा मंत्री इस मामले पर जवाब देंगे तब तक इंतजार करें.
तवांग में भारत-चीन आमने-सामने होने पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन ने कहा कि, सरकार को इस पर बयान देना चाहिए. ये होता रहा है. चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है. लद्दाख और उत्तराखंड से वे अरुणाचल पहुंचे हैं. हमें चीन की साजिश से निपटने के लिए सरकार की तैयारी जानने का अधिकार है.
तवांग में चीन के साथ झड़प पर संसद में चर्चा को लेकर पीएम मोदी ने मंत्रियों के साथ बैठक की है. वहीं इससे पहले चीन झड़प मुद्दे को लेकर विपक्ष ने ससंद में हंगामा किया है.
9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत-चीन के बीच हुई झड़प पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नियम 267 के तहत विपक्ष द्वारा स्थगत प्रस्ताव दिया गया है. इसमें कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन, कांग्रेस सांसद शक्तिसिंह गोहिल, आम आदमी पार्टी (आप) सांसद राघव चड्ढा, राजद सांसद मनोज झा, कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन, कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, कांग्रेस सांसद डॉ एल हनुमंथैया, कांग्रेस जेबी माथेर, कांग्रेस रजनी ए पाटिल, टीएमसी, शिवसेना सांसद (उद्धव ठाकरे गुट) प्रियंका चतुर्वेदी शामिल हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संसद पहुंच गए हैं. दोपहर 12 बजे संसद को संबोधित करते हुए भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई झड़प पर बयान देंगे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दोपहर 12 बजे लोकसभा में चीन के साथ झड़प मामले पर बयान देंगे. वहीं, दोपहर 2 बजे राज्यसभा में इस मामले पर बात करेंगे.
डिफेंस सोर्स के मुताबिक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा स्थिति पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी. सुरक्षा बलों ने उन्हें हाल ही में तवांग में दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच हुई झड़पों के बारे में अपडेट किया था.
चीन से झड़प मामले पर कांग्रेस, राजद, टीएमसी और आम आदमी पार्टी ने संसद के दोनों सदनों में चर्चा के लिए नोटिस दिया है.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज संसद में चीन के साथ झड़प मामले पर बयान दे सकते हैं. तवांग झड़प पर अहम बैठक लेने के बाद अब संसद के लिए रवाना हो गए हैं.
भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प के मामले पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर हो रही बैठक खत्म हो गई है. इस दौरान भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. साथ ही सेना प्रमुख ने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा स्थिति पर राजनाथ सिंह को जानकारी दी.
बैकग्राउंड
India-China Border Clash Live: अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भारतीय और चीनी सैनिकों की 9 दिसंबर को झड़प हुई. इसमें दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए. वहीं, भारतीय सेना ने सोमवार (12 दिसंबर) को इस मामले की जानकारी दी है. भारतीय थलसेना ने एक बयान में बताया गया कि, "पीएलए (चीन की सेना) के सैनिकों के साथ तवांग सेक्टर में एलएसी पर नौ दिसंबर को झड़प हुई. हमारे सैनिकों ने चीनी सैनिकों का दृढ़ता से सामना किया. इस झड़प में दोनों पक्षों के कुछ जवानों को मामूली चोटें आई हैं."
दरअसल, इससे पहले भी कई बार चीनी सैनिकों ने भारत में घुसपैठ की कोशिश की है और उनका जांबाज भारतीय सैनिकों के साथ सामना हुआ है. 1962, 1967, 1975, 2020 और अब 2022 में एक बार फिर एलएसी पर भारतीय और चीनी सेना के बीच हिंसक टकराव हुआ है.
राजनाथ सिंह ने सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल के साथ की बैठक
वहीं, अब इस मामले पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विदेश मंत्री एस जयशंकर, सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख, एनएसए अजीत डोभाल समेत तमाम अधिकारियों के साथ बैठक की. सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री घटना ने मामले पर विस्तृत जानकारी ली. वहीं आज संसद में रक्षा मंत्री घटना पर बयान दे सकते हैं.
विपक्ष ने मांगा सरकार से जवाब
कांग्रेस पार्टी सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में नोटिस देकर मांग की है कि प्रश्नकाल, शून्यकाल और अन्य विधायी कार्यों को रोककर इस विषय पर चर्चा कराई जाए. उन्होंने मांग की कि सरकार तवांग और चीन की सीमा से लगे अन्य क्षेत्रों की स्थिति के बारे में सदन को सूचित करें क्योंकि यह भारत की संप्रभुता और स्वतंत्रता से जुड़ा विषय है.
कांग्रेस महासचिव व राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला ने नियम 267 के तहत उच्च सदन में सभी विधायी कार्यों को स्थगित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में आकर अरुणाचल प्रदेश संबंधी घटनाक्रम पर बयान दें.
कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं. पार्टी ने ये भी कहा कि इस मुद्दे पर संसद में चर्चा होनी चाहिए और सरकार को देश को भरोसे में लेना चाहिए.
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