India China Faceoff: अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई ताजा झड़प के मामले को संसद में उठाने के लिए विपक्ष ने कमर कस ली है. विपक्ष ने संसद (Parliament) में आज सरकार को इस मुद्दे पर घेरने की प्लानिंग की है. भारत-चीन के बीच ये झड़प 9 दिसंबर को तवांग (Twang) के करीब हुई थी. इस दौरान भारतीय सैनिकों (Indian Soldiers) ने चीन (China) को करारा जवाब दिया. एबीपी न्यूज के सूत्रों के मुताबिक, इस झड़प में चीन के 20 से ज्यादा सैनिक घायल हुए.
भारत और चीन के बीच हुई इस ताजा झड़प के बाद संसद में आज हंगामे के आसार हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है. विपक्ष चीन और भारत की सेना के बीच हुई इस झड़प को लेकर सरकार से रिपोर्ट मांगने की कोशिश करेगा. आइए आपको बताते हैं इस खबर से जुड़े 10 फैक्ट्स के बारे में.
भारत-चीन सैन्य झड़प को लेकर 10 फैक्ट्स
- सेना के एक बयान में कहा गया है कि 9 दिसंबर की झड़प में दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आईं और दोनों पक्ष तुरंत क्षेत्र से हट गए.
- इस खबर के फैलने के तुरंत बाद, कांग्रेस ने कल केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को संसद में इस मुद्दे पर चर्चा करके देश को भरोसे में लेने की जरूरत है.
- सरकारी सूत्रों ने कहा है कि केंद्र किसी भी चर्चा से कभी नहीं डिगा है और तथ्यों के साथ तैयार है. सरकारी सूत्रों ने कहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सदन के पटल पर बयान देना चाहिए या नहीं इस पर फैसला लिया जाएगा.
- कांग्रेस के कई नेता इस मुद्दे पर चर्चा के लिए दोनों सदनों में स्थगन नोटिस देने वाले हैं. पार्टी ने आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सीमा मुद्दे को दबाने की प्रवृत्ति से चीन के दुस्साहस को बढ़ावा मिला है.
- हैदराबाद के सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी लोकसभा में इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश करेंगे. उन्होंने केंद्र पर देश को अंधेरे में रखने का आरोप लगाया है और पूछा है कि संसद को झड़प के बारे में सूचित क्यों नहीं किया गया?
कांग्रेस ने सोमवार को इस मुद्दे को लेकर सरकार पर चौतरफा हमला किया था. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर देश के साथ हैं और इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहेंगे, लेकिन मोदी सरकार को अप्रैल 2020 से एलएसी के पास सभी बिंदुओं पर चीनी अतिक्रमण और निर्माण के बारे में ईमानदार होना चाहिए."- कांग्रेस के कम्युनिकेशन इंचार्ज जयराम रमेश ने कहा कि विपक्षी दल चीनी कार्रवाइयों पर सरकार को जागने की कोशिश कर रहा है, लेकिन सत्तारूढ़ बीजेपी अपनी राजनीतिक छवि की रक्षा करने के लिए चुप है.
- कांग्रेस ने गलवान झड़प के बाद दिए गए प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का एक वीडियो भी ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा, "किसी ने हमारी जमीन पर कब्जा नहीं किया और किसी ने भारत में प्रवेश नहीं किया और हमारी किसी भी पोस्ट पर किसी और का कब्जा नहीं है." इसमें कहा गया है, 'अगर चीन का नाम लिया जाता तो वह भारत की ओर आंख उठाने की हिम्मत नहीं करता.'
- पार्टी के वरिष्ठ नेताओं मनीष तिवारी, शशि थरूर और रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा और संसद में चर्चा की मांग की है.
- 2020 में लद्दाख की गालवान घाटी में एक भयंकर संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच संबंध बिगड़ गए, जिसमें 20 भारतीय सैनिक मारे गए. चीन ने स्वीकार किया है कि पांच चीनी सैन्य अधिकारी और सैनिक मारे गए थे, लेकिन यह व्यापक रूप से माना जाता है कि मरने वालों की संख्या अधिक थी.
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