India-China Tension: भारत और चीन के बीच सीमा पर जून 2020 से ही तनाव बना हुआ है, जब एशिया के दो सबसे बड़े मुल्कों के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में झड़प हुई. आलम ये है कि दोनों पक्षों ने सीमा पर तैनाती बढ़ाई हुई है. हालांकि, भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान की घटना के बाद सीमा पर दो और बार झड़प हुई, जिनके बारे में जानकारी नहीं दी गई. दोनों देशों के सैनिकों के बीच ये झड़प सितंबर 2021 और नवंबर 2022 के बीच हुई.  


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प की कम से कम दो घटनाएं सामने आईं. सेना के जवानों को दिए गए वीरता पुरस्कारों के प्रशस्ति पत्र में इन झड़पों का उल्लेख किया गया है. हालांकि, अभी तक भारतीय सेना की तरफ से इस मामले पर कोई भी बयान नहीं दिया गया है. इस घटना को लेकर ये जानकारी भी नहीं मिली है कि झड़प के दौरान क्या दोनों पक्षों के सैनिक घायल हुए थे या नहीं. 


कैसे सामने आई झड़प की जानकारी?


दरअसल, पिछले हफ्ते सेना की पश्चिमी कमान द्वारा एक अलंकरण समारोह में सैनिकों को प्रशस्ति पत्र दिए गए. इसमें जानकारी दी गई कि किस तरह से भारतीय सैनिकों ने एलएसी पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया. सेना की पश्चिमी कमान ने अपने यूट्यूब चैनल पर 13 जनवरी के समारोह का एक वीडियो अपलोड किया. इसमें वीरता पुरस्कार को लेकर जानकारी दी गई थी. मगर सोमवार को इस वीडियो को डिएक्टीवेट कर दिया गया.


सरकार या सेना ने नहीं की कोई टिप्पणी


वीरता पुरस्कारों के प्रशस्ति पत्र से मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना के जवानों और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों के बीच सितंबर 2021 और नवंबर 2022 के बीच एलएसी पर झड़पें हुईं. सेना की तरफ से अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है. केंद्र सरकार ने भी कोई जानकारी नहीं दी है. वहीं, चीन की सेना या वहां की सरकार की तरफ से भी किसी तरह की टिप्पणी नहीं की गई है. सेना की पश्चिमी कमान का हेडक्वाटर हरियाणा के चंडी मंदिर में है.


एलएसी पर सेना ने बढ़ाई मुस्तैदी


वहीं, गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद सेना ने भी सीमा पर मुस्तैदी बढ़ा दी है. भारतीय सेना 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर चीन की नापाक हरकतों से निपटने के लिए टैंक से लेकर सैनिकों तक की तैनाती बढ़ाई है. भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एलएसी पर झड़प की कई घटनाएं पहले भी सामने आई हैं. हाल ही में चीन के सैनिकों ने एलएसी के तवांग सेक्टर में भी घुसपैठ करने की कोशिश थी, जिसके बाद भारतीय जवानों ने उन्हें खदेड़ दिया था. 


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