बीजिंग: चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को दावा किया कि गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की तरफ है. इस दावे से एक दिन पहले ही भारत ने गलवान घाटी पर चीनी सेना के संप्रभुता के दावे को खारिज कर दिया था और बीजिंग से अपनी गतिविधियां एलएसी के उस तरफ तक ही सीमित रखने को कहा था.


गलवान घाटी पर चीन के संप्रभुता के दावे को भारत पहले ही खारिज कर चुका है. भारत का कहना है कि इस तरह का ‘बढ़ा चढ़ाकर’ किया गया दावा छह जून को उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में बनी सहमति के खिलाफ है.


संवाददाताओं से बातचीत के दौरान चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने 15 जून को पूर्वी लद्दाख में हिंसक झड़प के लिए एक बार फिर भारत पर दोष मढ़ा है. उन्होंने कहा, ‘‘गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी हिस्से में आता है. कई वर्षों से वहां चीनी सुरक्षा गार्ड गश्त कर रहे हैं और अपनी ड्यूटी निभाते हैं.’’


चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर एक प्रेस नोट में झाओ ने कहा है कि ‘‘क्षेत्र में हालात से निपटने के लिए कमांडर स्तर की दूसरी बैठक जल्द से जल्द होनी चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य जरिए से तनाव को कम करने के लिए संवाद कर रहे हैं.


आपको बता दें कि चीनी सैनिकों के साथ झड़प के दौरान एक कमांडर समेत भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए हैं, जबकि 70 से ज्यादा जवान घायल हुए हैं. घायल जवानों का सेना के अस्पताल में इलाज चल रहा है. शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी नेताओं के सवाल के जवाब में साफ कहा कि न वहां कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है.


सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कहीं ये बातें
पीएम मोदी ने कहा कि तैनाती (Deployment) हो, कार्रवाई (Action) हो, जवाबी कार्रवाई (Counter Action) हो, जल-थल-आकाश में हमारी सेनाओं को देश की रक्षा के लिए जो करना है, वो कर रही हैं. उन्होंने कहा कि आज हमारे पास ये क्षमता है कि कोई भी हमारी एक इंच जमीन की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देख सकता. आज भारत की सेनाएं, अलग-अलग सेक्टर्स में, एक साथ बढ़ने में भी सक्षम है. बीते वर्षों में देश ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए, बॉर्डर एरिया में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को प्राथमिकता दी है.


पीएम मोदी ने बताया कि हमारी सेनाओं की दूसरी आवश्यकताओं, जैसे फाइटर प्लेन्स, आधुनिक हेलीकॉप्टर, मिसाइल डिफेंस सिस्टम आदि पर भी हमने बल दिया है. नए बने हुए इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से खासकर LAC में अब हमारी पेट्रोलिंग की क्षमता भी बढ़ गई है. पेट्रोलिंग बढ़ने की वजह से अब सतर्कता बढ़ी है और LAC पर हो रही गतिविधियों के बारे में भी समय पर पता चलता है. जिन क्षेत्रों पर पहले बहुत नजर नहीं रहती थी, अब वहां भी हमारे जवान, अच्छी तरह से मॉनिटर कर पा रहे हैं, रिस्पॉन्ड कर पा रहे हैं. अब तक जिनको कोई पूछता नहीं था, कोई रोकता-टोकता नहीं था, अब हमारे जवान डगर-डगर पर उन्हें रोकते हैं, टोकते हैं, तो तनाव बढ़ता है.


ये भी पढ़ें:


पीएम मोदी ने कहा- न कोई हमारी सीमा में घुसा, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है 


सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूछे कई तीखे सवाल