नई दिल्ली: एलएसी पर तनातनी के बीच खबर है कि चीनी वायुसेना पूर्वी लद्दाख से सटे अपने एयरबेस को मजबूत करने में जुटी है. सैटेलाइट इमेज के बाद अब खुफिया एजेंसियों ने सेना और सरकार को रिपोर्ट दी है कि चीन शिंचियांग प्रांत में अपने होटान एयरबेस को रेनोवेट कर रहा है. ये इसलिए किया जा रहा है ताकि वहां पर फाइटर जेट्स के लिए अतिरिक्त रनवे बनाए जा सकें. वो भी ऐसे रनवे जो ब्लास्ट-प्रूफ हों, यानि जिनपर गोलाबारी का कोई असर ना हो.


इंटेलिजेंस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन तिब्बत में अपने सैन्य अड्डों को तैयार करने में जुटा है. इसी दिशा में होटान एयरबेस पर दो नए रनवे तैयार किए जा रहे हैं. साथ ही इस हवाई-अड्डे से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर ही एक और एयर-स्ट्रिप तैयार की जा रही है. जानकारी के मुताबिक, इन सभी रनवे और एयर-स्ट्रिप को ब्लास्ट-प्रूफ बनाया जा रहा है. ब्लास्ट-प्रूफ इसलिए बनाया जा रहा है ताकि अगर यहां पर गोलाबारी या फिर बमबारी हो तो रनवे को ज्यादा नुकसान ना हो और एयर-ऑपरेशन यानी लड़ाकू विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ कराई जा सके. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इसके लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है.


जानकारों की मानें तो ये इसलिए है क्योंकि हाल ही में होटान एयरबेस की सैटेलाइट इमेज सामने आई थीं, जिसमें बड़ी तादाद में चीनी फाइटर जेट्स दिखाई पड़े रहे थे. माना जा रहा है कि चीन ने होटान एयरबेस पर अपने फाइटर जेट्स, हेलीकॉप्टर्स और कॉम्बेट ड्रोन्स की संख्या दोगुनी कर दी है. अमेरिका के चाईना एयरोस्पेस स्टडीज़ इंस्टीट्यूट के मुताबिक, इस वक्त चीन ने करीब 36 फाइटर जेट्स और हेलीकॉप्टर्स होटान एयरेबस पर तैनात कर रखे हैं. इनमें जे-11, जे-16 फाइटर जेट्स शामिल हैं. साथ ही सीएच-4 अटैक यूएवी भी यहां तैनात कर रखे हैं.


भारत से पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर जबसे तनाव शुरू हुआ है तब से चीन भी लद्दाख और हिमाचल प्रदेश से सटी भारत की एयर स्पेस पर अपने फाइटर जेट्स और हेलीकॉप्टर उड़ा रहा है. हाल ही एलएसी से सटे तिब्बत के नगरी-गुंसा एयरपोर्ट को चीन ने एयरबेस में तब्दील कर दिया था. वहां चीन के फाइटर जेट्स बड़ी तादाद में देखे जा सकते हैं.


खुफिया रिपोर्ट्स में ये भी बात सामने आई है कि चीनी सेना एलएसी से सटे अपने सैन्य-अड्डों पर नए हैलीपैड और ड्रोन्स की तैनाती कर रही है. अरूणाचल प्रदेश के सुबांसरी इलाके के दूसरी तरफ तिब्बत के लुंग सैन्य छावनी में चीनी सेना ने अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है और नया हेलीपैड तैयार किया है. चीन की वेस्टर्न थियेटर कमांड पूरी भारत सीमा को देखती है. दरअसल, ये एक ज्वाइंट कमांड है, जिसमें थलसेना (पीएलए-ग्राउंड फोर्सेज़) और वायुसेना यानी पीएलए-एयरफोर्स एक साथ काम करती हैं.


भारत से सटे चीन के मुख्य एयरबेस, तिब्बत की राजधानी ल्हासा, नगरी-गुंसा, निंगची, शैनान, शिगात्से और शिंचियांग के होटान और कासगर एयरबेस हैं. यहां पर चीन के जे-20, जे 11 और सुखोई तैनात रहते हैं. चीन के पास करीब तीन हजार फाइटर जेट्स हैं, जबकि भारत के पास दो हजार लड़ाकू विमान हैं. जल्द ही भारत के जंगी बेड़े में रफाल लड़ाकू विमान भी जुड़नें वाले हैं, जो एशिया में गेम-चेंजर का काम करेंगे. चीन को हवा में मात देने के लिए चीन की एयर स्पेस की निगहबानी भारतीय वायुसेना की तीन अलग अलग कमान के पास है. लेह-लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के लिए पश्चिमी कमान, उत्तराखंड के लिए सेंट्रल कमांड और, सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश के लिए पूर्वी कमान.


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