नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर उपजे तनाव को कम करने के लिए आज एक बार फिर दोनों देशों के डिवीजन-कमांडर्स (मेजर जनरल स्तर) के बीच बातचीत हो सकती है. इससे पहले दोनों देशों के बीच 6 जून को भी कई घंटे तक सीमा-विवाद को लेकर बैठक हुई थी.


इससे पहले 6 जून को हुई बैठक में दोनों देशों के कमांडरों में इस बात पर सहमति बनी थी कि भारत और चीन के बीच सीमा के सभी 4 फेस ऑफ पर सैन्य कमांडरों के बीच मीटिंग की जाएगी.


सूत्रों की मानें तो जिन जगह पर डिसइंगेजमेंट हुआ है, वो गोगरा (हॉट स्प्रिंग) के करीब पाउंट 14, 15 और 17 हैं. यहां पर दोनों देशों के सैनिक पीछे हटे हैं. गैलवान घाटी में चीन ने अपने टेंट पहले ही कम कर लिए थे और सभी टेंट चीन की सीमा में थे. इसलिए गैलवान घाटी को लेकर भारत चिंतिंत नहीं था. लद्दाख का गोगरा इलाका हॉट-स्प्रिंग के करीब है.


ये गैलवान घाटी का ही क्षेत्र है जो एसएसएन यानी सब-सेक्टर नार्थ का हिस्सा है. ये इलाका इसलिए सामरिक तौर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि फिंगर-एरिया तक पहुंचने के लिए भारतीय सैनिक अब इस इलाके को एक विकल्प रास्ते के तौर पर अपनाने लगे हैं. अभी तक फिंगर एरिया तक पहुंचने के लिए पैंगोग-त्सो के करीब से फॉबरांग होकर एक रास्ता था, लेकिन गोगरा के इस्तेमाल से चीनी सेना को मिर्ची लग गई, जिसके कारण चीनी सेना यहां अपनी तैनाती मजबूत कर रही थी और डेरा डालकर बैठ गई थी. दोनों देशों के बीच विवाद का अब मुख्य मुद्दा फिंगर एरिया ही है. जहां दोनों देशों की सेना बड़ी तादाद में तैनात हैं.


पिछली मीटिंग करीब छह घंटे तक चली थी
शीर्ष सैन्य सूत्रों के मुताबिक बीते 6 जून को चुशूल-मोल्डो में हुई दोनों देशों के सेना कमांडरों की बातचीत में भारत ने अपनी बातें खरे तरीके से चीनी कमांडर के सामने रख दी हैं. पिछली मीटिंग करीब छह घंटे तक चली थी.


सीमा पर चल रहे गतिरोध के बीच भारत ने साफ किया है कि मौजूदा स्थिति नियंत्रण में है और चीन ने भारत की लाइन ऑफ कंट्रोल में भीतर घुसकर गलवान घाटी और भारत के पेट्रोलिंग पॉइंट 14 को पार कर किसी इलाके पर कब्ज़ा नहीं किया है. दरअसल चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपने दावों को बार-बार बदलता रहा, इसके मद्देनज़र भारत ने पहली बैठक में आग्रह किया है कि वो एक बार ज़मीन पर अपने दावे को स्पष्ट करे.


इसके लिए गलवान घाटी के करीब पेट्रोलिंग पॉइंट 14, पेट्रोलिंग पॉइंट 15, पेंगोंग झील के फिंगर एरिया 4-8 के बीच और हॉट स्प्रिंग पर दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की बातचीत होगी. शीर्ष सूत्रों के मुताबिक पहले चीन को अपने सैनिकों को हटाना होगा, क्योंकि वो पहले आए थे.