India China Relation: दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक दूसरे के साथ बातचीत करते हुए नजर आए. शुक्रवार (25 अगस्त) को विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि दोनों नेता अपने संबंधित अधिकारियों को शीघ्र तनाव कम करने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश देने पर सहमत हुए. मामले पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने सवाल किया है.
उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “डिसइंगेजमेंट किसकी शर्तों पर? चीन की शर्तें या भारत की शर्तें. अप्रैल 2020 से पहले की यथास्थिति में भारत की स्थिति के साथ जो कुछ भी हुआ, वो समझौते योग्य नहीं? हम दिल्ली में एक ऐसे व्यक्ति की मेजबानी करेंगे जिसने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया- शी.”
पीएम मोदी ने शी जिनपिंग से क्या कहा?
वहीं, विदेश सचिव ने बताया कि पीएम ने शी जिनपिंग से कहा कि भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और एलएसी का सम्मान करना आवश्यक है. इसके अलावा समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि चीन ने पीएम मोदी से बातचीत का अनुरोध किया था.
इसके पहले चीन ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग के बीच दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान बैठक हुई थी. ड्रैगन ने कहा था कि इस बैठक के लिए भारत की तरफ से अनुरोध आया था. भारत की तरफ से इस दावे को नकार दिया गया है.
एएनआई ने सूत्रों के अनुसार बताया कि चीनी पक्ष की ओर से भारतीय पक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठक का अनुरोध किया गया था. हालांकि, दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच लीडर्स लाउंज में अनौपचारिक बातचीत हुई.
ये भी पढ़ें: BRICS Summit: चीन ने किया था पीएम मोदी से द्विपक्षीय वार्ता का अनुरोध! भारत ने ड्रैगन के दावे को नकारा