India-China Relations: देपसांग और डेमचोक में भारत-चीन के बीच सैनिकों की वापसी की घोषणा कर दी गई है. मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि भारतीय सशस्त्र बल सत्यापन कर रहे हैं. भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों की ओर से जल्द ही पेट्रोलिंग शुरू की जाएगी. ग्राउंड कमांडर बातचीत जारी रखेंगे. कल गुरुवार (31 अक्टूबर) को दोनों पक्ष एक-दूसरे को दिवाली की मिठाइयां बांटेंगे. 


भारतीय और चीनी सैनिक अपनी-अपनी जगहों को खाली करने और बुनियादी ढांचे को हटाने की पुष्टि कर चुके हैं. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को घोषणा की कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख के पास एलएसी पर बचे हुए टकराव वाले बिंदुओं से पीछे हटने के लिए एक समझौते पर पहुंच गए हैं. महत्वपूर्ण समझौते के बाद, दोनों देशों ने अगले दिन डेमचोक और देपसांग मैदानों में दो टकराव बिंदुओं पर सैनिकों की वापसी शुरू की.


देपसांग और डेमचोक के लिए हुआ ये समझौता 


भारतीय सेना के एक सूत्र ने बताया, "ताजा एग्रीमेंट केवल डेमचोक और देपसांग के लिए मान्य होंगे, अन्य जगहों के लिए नहीं. यह समझौता अन्य टकराव वाले क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा. दोनों पक्षों के सैनिक अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति में वापस आ जाएंगे और वे उन क्षेत्रों में गश्त करेंगे जहां उन्होंने अप्रैल 2020 तक गश्त की थी."


गलवान घाटी में झड़प के बाद खराब हुए थे संबंध


अप्रैल 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (वास्तविक सीमा) पर चीनी सैनिकों की आक्रामकता के कारण भारत और चीन के संबंध खराब हो गए. 15 जून 2020 को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी आक्रमण को विफल करने के दौरान 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद संबंध निम्न स्तर पर पहुंच गए थे. इसके बाद ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जाने से पहले दोनों देशों के बीच इस समझौते की घोषणा की गई. 


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