India-China News: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद की वजह से दोनों देशों के बीच के रिश्ते काफी ज्यादा खराब हुए हैं. संबंधों को मधुर बनाने और सीमा विवाद सुलझाने के लिए कई दौर की बैठक भी हुई है. इसी कड़ी में भारत-चीन के बीच गुरुवार (29 अगस्त) को बीजिंग में 'वर्किंग मैकेनिज्म ऑन कंसल्टेंशन एंड कोऑर्डिनेशन' (डब्ल्यूएमसीसी) की 31वें दौर की बैठक हुई. इसमें चीन भारत के साथ सीमा समझौते को मानने के लिए तैयार हो गया है. बॉर्डर पर तनाव कम करने पर भी सहमति बनी है.
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य गतिरोध को पूरी तरह से हल करने के लिए दोनों देशों के राजनयिकों के बीच बैठक हुई. चीन ने दावा किया कि उसने भारत के साथ मतभेदों को कम किया है. बैठक के बाद भारत का कहना है कि चीन के साथ वार्ता स्पष्ट, रचनात्मक और दूरदर्शी रही है. बीजिंग नई दिल्ली के साथ अपने सीमा-संबंधी समझौतों का सख्ती से पालन करने पर भी सहमत हुआ. इससे लगने लगा है कि जल्द ही पूर्वी लद्दाख में चल रहा सीमा पर तनाव खत्म हो जाएगा.
भारत ने चीन के साथ बैठक के बाद क्या कहा?
बीजिंग में हुई 31वें दौर की बैठक में एलएसी पर बचे हुए टकराव वाले प्वाइंट्स से सैनिकों की पारस्परिक वापसी के लिए लंबे समय से रुकी हुई बातचीत में प्रगति के संकेत मिले. इस बैठक में सैन्य अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि मीटिंग के दौरान इस बात को दोहराया गया कि शांति एवं स्थिरता की बहाली और एलएसी के लिए सम्मान द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए आवश्यक आधार हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "दोनों पक्षों ने विचारों का स्पष्ट, रचनात्मक और दूरदर्शी आदान-प्रदान किया. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति पर मतभेदों को कम करने और लंबित मुद्दों का शीघ्र समाधान खोजने के लिए बैठक की गई." इसमें कहा गया कि भारत और चीन राजनयिक एवं सैन्य चैनलों के माध्यम से गहन संपर्क के लिए भी सहमत हुए हैं.
चीन ने बैठक के बाद क्या कहा?
डेक्कन हेराल्ड की खबर के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्रलाय की तरफ से जारी बयान में कहा गया, "दोनों पक्ष हाल ही में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति के अनुसार बॉर्डर की स्थिति को जल्द से जल्द हल करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए."
चीनी विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, "दोनों पक्षों ने बॉर्डर एरिया में प्रासंगिक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, मतभेदों को और कम किया, आम सहमति का विस्तार किया, बातचीत एवं परामर्श को मजबूत करने, एक-दूसरे की उचित चिंताओं को समायोजित करने और जल्द से जल्द दोनों देशों को स्वीकार्य समाधान तक पहुंचने पर सहमति व्यक्त की."
बयान में आगे कहा गया, "दोनों पक्ष परामर्श के नतीजों को अपनाने, बॉर्डर संबंधी समझौतों एवं विश्वास बनाने के लिए अपनाए जाने वाले उपायों का सख्ती से पालन करने और बॉर्डर एरिया में संयुक्त रूप से शांति बनाए रखने पर सहमत हुए हैं."
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