नई दिल्ली: लद्दाख में जारी तनाव पर भारत और चीन के सैन्य कमांडरों की बैठक शुरू हो गई है. बैठक पहले 9 बजे शुरू होने वाली थी, लेकिन दोपहर 12 बजे के बाद शुरू हुई. भारत की तरफ से इस बैठक का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह कर रहे हैं. चीन की तरफ से मेजर जनरल लियु लीन नेतृत्व कर रहे हैं. मेजर जनरल लियू लिन चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के दक्षिण झिंजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर हैं. ये बैठक चीन के मोल्डो-चुशूल स्थित बीपीएम हट में हो रही है.


आखिर क्या है भारत और चीन के बीच विवाद
भारत और चीन के बीच 3488 किमी लंबी सीमा है. ये सीमा जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है. पूरी सीमा 3 क्षेत्रों में बंटी हुई है. पश्चिमी सेक्टर यानि कि जम्मू-कश्मीर, मध्य क्षेत्र यानि कि हिमाचल प्रदेश-उत्तराखंड और पूर्वी सेक्टर यानि कि सिक्किम-अरुणाचल प्रदेश. मौजूदा विवाद पश्चिमी क्षेत्र के दो इलाकों में. ये इलाके हैं- गैलवान घाटी और पेंगोंग झील से सटा फिंगर एरिया.


लद्दाख में स्थित गैलवान घाटी की सीमा के पास चीन ने 80 टैंट बना लिए हैं. इसके जवाब में भारत ने अपनी सीमा में भी 60 टैंट बना लिए हैं. यहां भारत ने एक डिफेंस फिसेलिटी सेंटर भी बना रखा है. चीन इस सेंटर को गैर-कानूनी बता रहा है. न सिर्फ ये डिफेंस सेंटर बल्कि सीमा के पास बनाई गईं दो सड़कें भी चीन की बेचैनी बढ़ा रही है.


पेंगोंग झील से सटा फिंगर एरिया
भारत और चीन के बीच दूसरा विवाद पेंगोंग झील से सटा फिंगर एरिया है. पेंगोंग झील से सटी पहाड़ियों को फिंगर एरिया कहा जाता है. इनमें से आठ पहाड़ियों पर चीन अपना दावा कर रहा है, जबकि ये इलाका भारत का है. इनमें से भारत के पास सिर्फ चार पहाड़ियां ही हैं. बाकी चार पहाड़ियों पर चीन कब्जा जमाए बैठा है. चौथी पहाड़ी पार कर पांचवीं पहाड़ी पर कब्जा करने की चीन लगातार कोशिश करता रहता है. इस साल मई महीने में दोनों देशों की सेनाओं के बीच विवाद ज्यादा ही बढ़ गया है.


हाल ही में भारत और चीन के सैनिक गत पांच मई को पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो क्षेत्र में लोहे की छड़ और लाठी-डंडे लेकर आपस में भिड़ गए थे. उनके बीच पथराव भी हुआ था. इस घटना में दोनों पक्षों के सैनिक घायल हुए थे. पांच मई की शाम को चीन और भारत के 250 सैनिकों के बीच हुई यह हिंसा अगले दिन भी जारी रही. इसके बाद दोनों पक्ष ‘‘अलग’’ हुए. बहरहाल, गतिरोध जारी रहा. इसी तरह की एक घटना में नौ मई को सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास लगभग 150 भारतीय और चीनी सैनिक आपस में भिड़ गए थे.


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