भारत-चीन झड़प: सेना ने कहा- लापता नहीं भारत का कोई भी जवान, खारिज की रिपोर्ट
सेना ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद से भारत के कुछ सैनिक चीनी सेना के कब्जे में हैं. गलवान घाटी में चल रहे तनाव के बीच दोनों देशों के मेजर-जनरल स्तर की मीटिंग हुई है.
नई दिल्ली: भारतीय सेना ने बृहस्पतिवार को उन खबरों को खारिज किया जिनमें दावा किया गया है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में तीन दिन पहले चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़पों के बाद उसके कई सैनिक लापता है.
सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘यह स्पष्ट किया गया है कि कार्रवाई में कोई भारतीय सैनिक लापता नहीं हैं.’’
इस तरह की खबरें थी कि गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद चीनी सेना ने भारतीय सेना के कुछ सैनिकों को बंदी बना लिया है. इस झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे. चीन ने हताहतों की संख्या अभी तक जारी नहीं की है.
विदेश मंत्रालय ने दिया स्पष्टीकरण
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने भी एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि सोमवार को हुई झड़प के बाद से कोई भारतीय सैनिक लापता नहीं हुआ है.
दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध बना हुआ है भारतीय और चीनी सेनाओं ने गलवान घाटी और इसके आसपास के क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए बृहस्पतिवार को लगातार तीसरे दिन मेजर जनरल-स्तर की वार्ता की. पैंगोंग त्सो के किनारे दोनों पक्षों के बीच हुए संघर्ष के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच गत पांच मई से गलवान और पूर्वी लद्दाख के कुछ अन्य क्षेत्रों में गतिरोध बना हुआ है.
गतिरोध शुरू होने के बाद से भारतीय सैन्य नेतृत्व ने फैसला किया था कि पैंगोंग त्सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी के सभी विवादित इलाकों में चीनी सैनिकों की किसी भी आक्रामक कार्रवाई से पूरी दृढ़ता के साथ निपटा जायेगा.
गौरतलब है कि गत पांच और छह मई को हिंसक झड़प में लगभग 250 चीनी और भारतीय सैनिकों के शामिल होने के बाद क्षेत्र में स्थिति बिगड़ गई थी. पैंगोंग त्सो में हुई घटना के बाद नौ मई को उत्तरी सिक्किम में भी इसी तरह की घटना हुई थी.
कैसे हुई थी झड़प
15 जून की शाम जब कर्नल बी संतोष बाबू अपने जवानों के साथ विवादित जगह से चीनी टेंट हटवाने के लिए पहुंचे थे तो चीनी सैनिकों ने उनपर लाठी-डंडों, कील और कटीली तार लगी रोड्स से हमला बोल दिया था. क्योंकि कर्नल संतोष बाबू और उनके सैनिक बिना किसी हथियार के चीनी टेंट पहुंच गए थे इसीलिए चीनी सैनिक शुरुआत में उनपर हावी हो गए थे. लेकिन बाद में जब उनकी पलटन (16 बिहार) को खबर लगी तो बाकी भारतीय सैनिक भी वहां पहुंचें और जमकर मारपीट हुई.
झगड़े के दौरान बड़ी तादाद में सैनिक गलवान नदी में गिर गए थे जिसके चलते दोनों तरफ के बड़ी तादाद में सैनिक हताहत हुए. कर्नल संतोष बाबू सहित भारत के कुल 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए. हालांकि, चीन ने अपने मारे गए सैनिकों का आंकड़ा नहीं बताया है लेकिन माना जा रहा है कि चीनी सेना को भी बड़ा नुकसान हुआ है.
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