नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा पर स्थित गलवान घाटी में शहीद हुए बिहार के पांच जवानों के आखिरी दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है. लोग नम आंखों से वीर सपूतों को अंतिम विदाई दे रहे हैं. हर तरफ शहीद जवान अमर रहे के नारे लग रहे हैं.
जवानों का पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार को पटना स्थित जय प्रकाश नारायण हवाई अड्डे पर लाया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन शहीदों के पार्थिव शरीर पर पुष्प-चक्र अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी तथा दिवगंत आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की.
पटना जिले के बिहटा थानान्तर्गत तारा नगर गांव निवासी एक और शहीद बिहार रेजिमेंट के 16वीं बटालियन के हवलदार सुनील कुमार का पार्थिव शरीर बुधवार को पटना लाया गया था और उनका अंतिम संस्कार पुलिस सम्मान के साथ किया गया.
पांच शहीदों खे परिवार को 11 - 11 लाख रूपये, मुख्यमंत्री राहत कोष से 25 लाख और एक-एक आश्रित को नौकरी देगी नीतीश सरकार
मुख्यमंत्री ने भारत-चीन सीमा पर हुयी झड़प में बिहार निवासी पांच शहीदों- चंदन कुमार, कुंदन कुमार, अमन कुमार, जयकिशोर एवं सुनील कुमार के शहादत के सम्मान में इनके परिजनों को राज्य सरकार की ओर से 11 - 11 लाख रूपये के अनुग्रह अनुदान देने की घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री राहत कोष से पांचो शहीदों के परिवार को 25 लाख रूपये दिये जायेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा है कि इन शहीदों के परिवार से एक-एक आश्रित को राज्य सरकार द्वारा नौकरी भी दी जायेगी.
बिहार के पांच शहीद जवान
शहीद सुनील कुमार पटना के बिहटा के रहने वाले थे. 2004 में उनकी शादी हुई थी. सुनील अपने पीछे पत्नी तीन बच्चे और बूढ़ें मां-बाप को छोड़ गए हैं. 6 महीने पहले सुनील अपने घर आए थे पर लॉकडाउन की वजह से दोबारा नहीं आ पाए. उनकी बेटी ने कहा मेरे पापा की शहादत का बदला लो.
सिपाही अमन कुमार बिहार के समस्तीपुर के सुल्तानपुरपुरब गांव के रहने वाले थे. उनके पिता ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो अपने बाकी दो बेटों को भी देश की सेवा के लिए भेज देंगे. उन्होंने कहा कि चीन की वजह से मेरा बेटा चला गया. उनके परिवार वालों का बुरा हाल है.
सिपाही कुंदन कुमार बिहार के सहरसा जिले के आरन गांव के रहने वाले थे. उनकी शहीद होने की खबर आने के बाद इलाके का माहौल गमगीन हो गया है. हर कोई उनके बलिदान को सलाम कर रहा है.
सिपाही चंदन कुमार को आज आखिरी विदाई दी जा रही है. 23 साल के चंदन 2017 में सेना में शामिल हुए थे. चंदन बिहार के आरा के रहने वाले थे. उन्हें आखिरी विदाई देने के लिए लोगों का हूजूम उमड़ पड़ा है.
सिपाही जयकिशोर सिंह बिहार के वैशाली जिले के चाकाफाथ गांव के रहने वाले थे. बिहार रेजिमेंट की 12 वीं बटालियन के जवान जयकिशोर सिंह ट्रेनिंग पूरी करने के बाद पहली पोस्टिंग में पूर्वी लद्दाख गए थे. 22 वर्षीय जय किशोर के पिता किसान हैं. शहीद सैनिक की मां मंजू देवी सदमे में हैं.
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