India-China Conflict: चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने सम्पादकीय प्रकाशित कर कहा है कि अब जब भारत-चीन (India-China) रिश्तों में कुछ सुधार हुआ है तो भारत के भीतर चीन विरोधी सुर बढ़े हैं. भारत सरकार को दृढ़ विश्वास दिखाना चाहिए और ऐसी आवाज़ों से विचलित नहीं होना चाहिए.


संपादकीय के मुताबिक, यह दिखाने का प्रयास किया जा रहा है कि चीन के साथ सीमा मामले पर "भारत को नुकसान हुआ है." मोदी सरकार पर चीन को 1000 वर्ग किमी ज़मीन (1000 sq km of land) देने के आरोप लग रहे हैं. चीन के खतरे को बढ़ा चढ़ा कर दिखाने का प्रयास हो रहा है. यह समझने की जरूरत है कि भारत और चीन के रिश्ते पेचीदा चुनौतियों से गिरे हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. ऐसे में जब भी दोनों देशों के रिश्तो में कोई तनाव आता है तो चरमपंथी ताकतें सक्रिय हो जाती हैं. 


भारत और चीन को नजदीक नहीं देखना चाहती कुछ ताकतें


वहीं ऐसी ताकतें भी सक्रिय हो जाती हैं जो भारत और चीन को नजदीक आते नहीं देखना चाहती है. चीन का नजरिया साफ और स्थिर है लेकिन भारत को यह समझना होगा कि अतीत में भी उसने घरेलू मोर्चे पर राष्ट्रवादी भावनाओं के कारण भारी कीमत चुकाई है. ऐसे में भारत इनके दबाव को झटककर ही आगे बढ़ सकता है.


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