नई दिल्ली: भारत और चीन के संबंधों में तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है. चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत को चुनौती दी है कि अगर हालात नहीं सुधरे तो चीन अपने नागरिकों को भारत नहीं जाने को कह सकता है. ऐसी चेतावनी आम तौर पर युद्ध शुरू होने से पहले जारी की जाती है. चीन ने अपनी कंपनियों को भारत में निवेश कम करने को भी कहा है.


चीन ने भारत को दिखाई आंख, कहा- शांति के लिए सेना हटाए


चीन के विदेश मंत्रालय ने दिया बौखलाहट वाला बयान


चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान दिया है, ‘’भारत दुनिया को ये कह कर गुमराह कर रहा है कि चीन सिक्किम के पास सड़क बना रहा है. भारत अंतर्राष्ट्रीय नियमों को तोड़कर दूसरे देश की हद में अपने सैनिक भेज रहा है. भारत 1954 के पंचशील समझौते का उल्लंघन कर रहा है. अगर भारत शांति चाहता है तो वो डोंगलांग से अपनी सेना हटाए, नहीं तो हालात और खराब होंगे और हमें भारत में बसे चीनी लोगों के लिए एडवाइजरी जारी करने पड़ेगी.’’


भारत के करारे जवाब से तिलमिलाया चीन!


बढ़ता जा रहा है भारत और चीन के बीच विवाद


भारत पर चीन के विदेश मंत्रालय का बयान बताता है कि दोनों देशों के बीच ताजा विवाद कम होने की बजाए लगातार बढ़ रहा है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, ‘’भारत के उकसावे से चीन की जनता भी गुस्से में है. भारतीय जवानों को शराफत के साथ सिक्किम सेक्टर के डोंगलांग से पीछे हट जाना चाहिए. ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें वहां से खदेड़ दिया जाएगा.’’


 


क्या है पूरा विवाद


विवाद शुरू हुआ जब भूटान के पास एक पहाड़ी इलाके में चीन ने सड़क बनानी शुरू की. इस पहाड़ी इलाके को चीन डोंगलांग, भूटान डोकला और भारत डोकलाम कहता है. भारत, भूटान और चीन के बीच इस इलाके में चीन सड़कों का जाल बिछाना चाहता है. चीन सड़क बनाकर कोई विकास नहीं बल्कि युद्ध के हालातों में अपने ठिकाने बना रहा है. भूटान ने भारत से चीनी सड़क की शिकायत की तो भारत ने कड़ा एतराज जताया है. जिसके बाद चीन ने आरोप लगा दिया कि भारतीय सैनिकों ने घुसैपठ की है.


भारत को 1962 के युद्ध की हार याद दिला रहा है चीन


चीन धमकी दे रहा है कि अगर सैनिक वापस नहीं बुलाए तो हालात युद्ध के करीब जाएंगे. भारत और चीन के बीच जुबानी जंग में चीन बार-बार भारत को 1962 के युद्ध की हार याद दिला रहा है.



चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, ‘’अगर भारत सोचता है कि वह डोंगलांग इलाके में सेना का इस्तेमाल कर सकता है और चीन-पाकिस्तान के खिलाफ एक साथ युद्ध के लिए तैयार है तो हमें भारत को ये बताना होगा कि वो चीनी सेना की ताकत को हल्के में ले रहा है. अगर जंग हुई तो भारत को 1962 से ज्यादा बड़ा नुकसान होगा.’’


साल 1962 में भारत को चीन के हाथों मिली थी हार


साल 1962 में भारत को चीन के हाथों हार मिली थी. लेकिन तब भारतीय सेना को तैयारी का मौका नहीं मिला था, क्योंकि चीन ने धोखे से हमला किया था. लेकिन अब हालात बदल चुके हैं. भारत के पास अब परमाणु बम है और ऐसी सेना है जिसे जमीन, हवा और समंदर में हराना नामुमकिन है.