China Claims on Arunachal Pradesh: अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावों की कड़ी निंदा करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार (23 मार्च) को जोर देकर कहा कि यह उत्तर-पूर्वी राज्य भारत का हिस्सा है. बीजिंग के दावों को हास्यास्पद बताते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है, क्योंकि यह हमेशा देश का अभिन्न अंग रहा है.
तीन देशों की अपनी यात्रा के तहत सिंगापुर पहुंचे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार (23 मार्च) को यहां के नेशनल यूनिवर्सिटी के इंस्टिट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज में आयोजित एक कार्यक्रम में पड़ोसी देश चीन के दावों को गलत बताया. बीजिंग से 3700 किलोमीटर की हवाई दूरी पर मौजूद सिंगापुर में विदेश मंत्री ने अपनी किताब 'व्हाई भारत मैटर्स' पर भी खूब बात की.
जयशंकर ने कहा- यह कोई नया मुद्दा नहीं
कार्यक्रम के दौरान चीन के अरुणाचल पर दावे को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, "यह कोई नया मुद्दा नहीं है. चीन ने पहले भी दावा किया है. यह दावा हास्यास्पद है. अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है क्योंकि यह भारत का हिस्सा हमेशा से रहा है, इसलिए नहीं कि कोई अन्य देश कहता है कि यह भारत का हिस्सा है."
विदेश मंत्रालय ने भी किया चीनी दावों को खारिज
हाल ही में चीन ने अरुणाचल प्रदेश को लेकर कहा था कि यह चीन के क्षेत्र जांगन का एक अंतर्निहित हिस्सा है. चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि बीजिंग भारत की ओर से अवैध रूप से स्थापित तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को कभी स्वीकार नहीं करता है. दूसरी तरफ भारत ने चीन के इन बेतुके दावों को खारिज कर दिया. विदेश मंत्रालय ने रविवार (24 मार्च) को एक आधिकारिक बयान में कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लोगों को भारत के विकास कार्यक्रमों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से लाभ मिलता रहेगा.
सीमा पर तनाव के लिए चीन की आलोचना की
कार्यक्रम में जयशंकर ने 2020 से जारी सीमा गतिरोध के साथ सीमा पर संतुलन की नींव को बिगाड़ने के लिए चीन की आलोचना की. जयशंकर ने कहा कि हम सीमा विवाद को सुलझाने के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, हम सीमा पर शांति बनाए रखने के बारे में बात कर रहे हैं और हमने ऐसा किया था. 1975 से 2020 तक, सीमा पर कोई भी नहीं मारा गया, इसलिए 45 वर्षों तक यह काम करता रहा. हमें आज खुद से पूछना होगा कि यह अब काम क्यों नहीं कर रहा है.
ये भी पढ़ें