Arunachal Pradesh Row: अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन की करतूत पर भारत की सख्त प्रतिक्रिया, नाम बदलने को बताया मूर्खतापूर्ण
India-China Crisis: भारत ने कहा है कि चीन की ओर से इस तरह मनगढ़ंत नाम जारी करने से यह वास्तविकता नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और हमेशा ही रहेगा.
India Reply to China on Arunachal Pradesh Row: भारत ने चीन की ओर से अरुणाचल प्रदेश में 30 स्थानों का नाम चाइनीज भाषा में रखने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. इस मामले में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि चीन भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने के अपने मूर्खतापूर्ण प्रयासों पर कायम है. हम इस तरह के प्रयासों को दृंढ़ता से अस्वीकार करते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि चीन की ओर से इस तरह मनगढ़ंत नाम जारी करने से यह वास्तविकता नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और हमेशा ही रहेगा. इससे पहले भी भारत अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन के दावों को कई बार खारिज कर चुका है.
Our response to media queries on renaming places in Arunachal Pradesh by China:https://t.co/jqx6NCdQ1c pic.twitter.com/XPpysWlcQk
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) April 2, 2024
चौथी सूची में शामिल हैं 30 भौगोलिक नाम
बता दें कि चीन की सरकार के अखबार के मुताबिक, हाल ही में नागरिक मामलों के मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश के उस एरिया के भौगोलिक नामों की चौथी सूची जारी की थी जिसे वह जंगनान के रूप में मान्यता देता है. इसके तहत चीन ने 30 नामों की सूची जारी की थी.
मार्च में भी चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर किया था दावा
चौथी लिस्ट जारी करने के साथ ये भी कहा गया था कि इन नामों को 1 मई, 2024 से इम्पलिमेंट किया जाएगा. बता दें कि चीन अरुणाचल प्रदेश को ज़ंगनान के रूप में मान्यता देता है. चीन ने मार्च के शुरुआत में इस क्षेत्र पर अपना दावा ठहराते हुए कहा था कि अरुणाचल प्रदेश चीन का अंतर्निहित हिस्सा है. यही नहीं चीन ने 11 मार्च को सेला सुरंग का उद्घाटन करने अरुणाचल प्रदेश पहुंचे पीएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे का विरोध किया था. हालांकि भारत ने हमेशा चीन के दावों को खारिज करते हुए अरुणाचल प्रदेश को अपना अभिन्न अंग बताया है.
इससे पहले कब-कब जारी की लिस्ट
चीनी अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी सरकार ने अप्रैल 2023 में चीनी अक्षरों, तिब्बती और पिनयिन का उपयोग करके क्षेत्र में 11 नामों को तय किया था, जो तीसरी लिस्ट थी. पहली लिस्ट 2017 में आई थी, जबकि दूसरी 2021 में जारी की गई थी.
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