India China Dispute: आर्मी चीफ ने कहा - चीन से विवाद को हमने 'आपदा में अवसर' के तौर पर लिया, कई मोर्चों पर किया गया सुधार
India China Crisis: सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से लेकर हथियारों की खरीद में तेजी आई है और सेना ने अपनी ऑपरेशनल खामियों को दूर कर अपनी रणनीतियों की समीक्षा की.
Army Chief on China: एलएसी पर चीन से हुए विवाद को भारतीय सेना ने 'आपदा में अवसर' के तौर पर लिया है, जिसके चलते सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से लेकर हथियारों की खरीद में तेजी आई है और सेना ने अपनी ऑपरेशनल खामियों को दूर कर अपनी रणनीतियों की समीक्षा की. सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने ये जानकारी दी.
कई तरह की खामियों को किया गया दूर
सेना दिवस (15 जनवरी) से पहले बुधवार 12 जनवरी को थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे सालाना वर्चुअली प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. जनरल नरवणे ने कहा कि, "हर (काले) बादल में आशा की एक किरण होती है. उत्तरी सीमाओं पर संकट में भी एक उम्मीद की किरण थी. हमने इस संकट का उपयोग बुनियादी ढांचे के विकास को तेज करने, सैद्धांतिक समीक्षा करने और आपातकालीन और फास्ट ट्रैक खरीद के माध्यम से परिचालन संबंधी खामियों को दूर करने के अवसर के रूप में किया है."
थलसेना प्रमुख ने कहा कि चीन ने एलएसी पर जबरदस्त इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है. इसका जवाब देने के लिए भारत ने भी उत्तरी सीमा पर बुनियादी ढांचे का व्यापक तरीके से विकास किया है, जिसमें भारत-चीन सीमा पर सभी मौसम के लिए सड़कें, सामरिक रेलवे लाइन, ब्रह्मपुत्र पर अतिरिक्त पुल, मौजूदा पुलों का अपग्रेडेशन और सुरंगें शामिल हैं. इसके अलावा आपूर्ति, ईंधन और गोला-बारूद के स्टोर्स भी तैयार किए गए हैं. दोहरे उपयोग (सिविल-मिलिट्री) के बुनियादी ढांचे की पहचान करने के लिए भी प्रयास किए गए हैं.
इंटीग्रेडेट बैटल ग्रुप पर चल रहा है काम
जनरल नरवणे के मुताबिक, चीन द्वारा हाल ही में पारित किए गए नए लैंड बॉर्डर कानून का भारत से संबंधों पर खास असर नहीं पड़ने वाला और अगर इसका कोई सैन्य प्रभाव हुआ तो उसके लिए भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है. थलसेना प्रमुख ने कहा कि, चीन और पाकिस्तान सीमा पर इंटीग्रेडेट बैटल ग्रुप (आईबीजी) पर भी काम चल रहा है और शीघ्र ही बनकर तैयार हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि नौसेना और वायुसेना के साथ मिलकर साझा थियेटर कमांड पर भी चर्चा चल रही है.
थलसेना प्रमुख ने बताया कि भारतीय सेना आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए पूरी तरह सजग है. यही वजह है कि पिछले एक साल में जो थलसेना ने हथियार और दूसरे सैन्य साजो सामान के लिए 20 एओएन किए हैं उनमें से 19 'बाय इंडिया' कैटेगरी में हैं. जनरल नरवणे के मुताबिक, भारतीय सेना आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, 5जी और क्वांटम टेक्नोलॉजी में भी प्रभावी कदम उठा रही है.