LAC पर तनाव खत्म करने के लिए भारत-चीन के बीच कोर कमांडर्स स्तर की कल 11वें दौर की बैठक
भारतीय सेना की तरफ से लेह स्थित 14वीं कोर (फायर एंड फ्यूरी कोर) के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन नेतृत्व करेंगे, जबकि चीन की तरफ से पीएलए-सेना के दक्षिणी झिंगज्यांग डिस्ट्रिक के कमांडर नेतृत्व करेंगे.
करीब डेढ़ महीने बाद भारत और चीन के कोर कमांडर्स पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर पूरी तरह से तनाव खत्म करने के लिए एक बार फिर शुक्रवार को मिलने जा रहे हैं. ये मुलाकात एलएसी से सटे चुशूल में भारत की तरफ होगी. करीब एक साल से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर चल रहे टकराव में ये ग्यारहवें दौर की वार्ता है. आखिरी मीटिंग 20 फरवरी को हुई थी.
भारतीय सेना की तरफ से लेह स्थित 14वीं कोर (फायर एंड फ्यूरी कोर) के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन नेतृत्व करेंगे, जबकि चीन की तरफ से पीएलए-सेना के दक्षिणी झिंगज्यांग डिस्ट्रिक के कमांडर नेतृत्व करेंगे. भारत के कहने पर ये मीटिंग बुलाई गई है जो एलएसी पर पूर्वी लद्दाख के चुशूल बीपीएम-हट में होगी. मीटिंग सुबह 10.30 बजे शुरू होगी. मीटिंग का एजेंडा डिसइंगेजमेंट और डि-एस्कलेशन होगा यानि दोनों देशों के सैनिक एलएसी से पीछे हट जाएं और सैनिकों की तादाद भी कम कर दी जाए.
आर्मी चीफ ने कहा- एक इंच भी नहीं गंवाई जमीन
इधर, भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से लगते संघर्ष वाली जगहों पर सेनाओं की वापसी को लेकर आर्मी चीफ जनरल एम.एम. नरवणे ने कहा कि हमने एक भी इंच ने गंवाई है. समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जनरल नरवणे ने कहा- “हमने कहीं भी अपने क्षेत्र को नहीं गंवाया है. हम वहीं पर हैं जहां पर ये सब चीजें शुरू होने से पहले थे... जमीन की एक भी इंच नहीं गंवाई है.”
आर्मी चीफ ने आगे कहा- "नौवें दौर की कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता के बाद संघर्ष वाले इलाकों से सैनिकों की चरणबद्ध तरीके से वापसी पर हमारी सहमति बनी. 10 फरवरी के बाद सैनिकों का वापसी शुरू हुई. पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिण किनारे और कैलाश रेंज पर यह योजना के मुताबिक शुरू हुआ. जवान अपने नजदीकी स्थाई ठिकाने पर चले गए."
उन्होंने कहा कि सैनिकों की आमने-सामने तैनाती थी, जिसकी वजह से गलफहमी की संभावना थी जो अब कम हो गई है. अब एलएसी पर पहले के मुकाबले शांति और भाईचारा है. भर्तियों के लेकर आर्मी चीफ ने कहा- रिक्रुटमेंट में कुछ नए मामले सामने आए हैं. ये मामले हमारी आंतरिक जांच में सामने आई है और हम ऐसी भ्रष्टाचार वाली चीजों की इजाजत नहीं देंगे.