भारतीय जवानों के साथ क्रूरता का खुलासा, शवों के पोस्टमार्टम में मिले गहरे जख्मों के निशान
चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय जवानों पर बड़ा खुलासा हुआ है.लेह के एक अस्पताल में किए गए पोस्टमार्टम में शवों पर जख्मों के निशान मिले हैं.
नई दिल्ली: चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय जवानों पर बड़ा खुलासा हुआ है. लेह के एक अस्पताल में किए गए 20 शवों की पोस्टमार्टम में जवानों के साथ क्रूरता की बात सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक उनके शरीर पर तेज जख्मों के निशान पाए गए हैं. हाइपोथर्मिया और एफइक्सीएशन भी कुछ जवानों की मौत का कारण बताया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि कुछ सैनिकों के चेहरे और दूसरे अंगों पर तेज जख्मों के निशान मिले हैं. उनका बयान भारतीय जवानों के खिलाफ चीनी सैनिकों की निर्ममता की पुष्टि करता है. खबरों में बताया जा रहा था कि चीनी सेना ने लद्दाख के गलवान घाटी में संघर्ष के दौरान कील वाली रॉड का इस्तेमाल किया था. अधिकारियों ने बताया कि करीब 17 जवानों के शरीर पर हिंसा के निशान मिले है.
भारतीय जवानों के शवों पर गहरे जख्मों की पुष्टि
शुरुआती रिपोर्ट में पता चला है कि कर्नल संतोष बाबू समेत तीन अन्य भारतीय जवानों के शरीर पर जख्मों के निशान नहीं मिले हैं. अलबत्ता उनके सिर पर गहरे चोट के निशान पाए गए. अस्पताल और आर्मी बेस में मौजूद अधिकारियों को शवों की तस्वीर नहीं लेने का निर्देश दिया गया था. बताया जाता है कि तीन जवानों की मौत नदी में डूबने के कारण हो गई. जबकि अन्य जवानों की मौत गंभीर चोट लगने से हुई है. चीनी सैनिकों की बर्बरता के सबूत तीन जवानों के शव से भी पता चलता है.
चाकू और नुकीली कील घुसाने की बात उजागर
एक अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि उनके चेहरों को पहचानना मुश्किल हो रहा था. उन्होंने चाकू और नुकीली कील को घुसाने की बात से इंकार नहीं किया. इसलिए कि चीनी सैनिक अपने साथ चाकू भी रखे हुए थे. कुछ जवानों की मौत नदी में गिरने से हुई जबकि कुछ की मौत दम घुटने के कारण बताई गई है. गलवान घाटी सतह समुद्र से 14 हजार फीट की ऊंचाई पर है. जिसके चलते यहां का तापमान शून्य डिग्री के करीब होता है.
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