India China Face-Off: तवांग झड़प को लेकर संसद में हंगामा, विपक्ष ने सरकार को घेरा, राजनाथ सिंह और अमित शाह ने दिया जवाब | 10 बड़ी बातें
India-China Border Clash: भारतीय सेना ने सोमवार को बताया था कि भारतीय और चीनी सैनिकों की तवांग सेक्टर में एलएसी के पास नौ दिसंबर को झड़प हुई, जिसमें दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए.
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India China Faceoff Update: अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर मंगलवार (13 दिसंबर) को लोकसभा और राज्यसभा में काफी हंगामा हुआ. भारत और चीन के सैनिक तवांग (Tawang) में एलएसी पर आमने-सामने आ गए थे. इस झड़प में दोनों देशों के सैनिक घायल हुए हैं. इस मुद्दे पर मंगलवार को संसद में विपक्ष ने हंगामा किया जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मामले पर बयान जारी किया. जानिए इस झड़प से जुड़ी बड़ी बातें.
1. अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में 9 दिसंबर को ये झड़प हुई थी. इस झड़प में दोनों देशों के सैनिक घायल हुए हैं. हालांकि इन घायलों में चीनी सैनिकों की संख्या ज्यादा है. झड़प के बाद भारत और चीन के कमांडरों ने इस क्षेत्र में फ्लैग मीटिंग की और फिर दोनों देशों के सैनिक पीछे हट गए. सैनिकों के बीच झड़प की ये खबर बीते दिन बाहर आई. तभी से विपक्षी नेताओं ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया था. मंगलवार को दोनों सदनों में इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ और विपक्षी नेताओं ने सरकार से सफाई मांगी.
2. कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों ने सत्र के पहले घंटे में कार्यवाही को रोक दिया और उसके बाद सीमा पर हुई झड़प पर चर्चा की मांग करते हुए नारे लगाए. कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा सांसद मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार चीनी घुसपैठ के बारे में ईमानदार रहे. हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर देश के साथ हैं और इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहेंगे, लेकिन मोदी सरकार को अप्रैल 2020 से एलएसी के पास सभी बिंदुओं पर चीनी अतिक्रमण और निर्माण के बारे में ईमानदार होना चाहिए.
3. इसी बीच गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत की एक इंच जमीन पर कोई भी कब्जा नहीं कर सकता है. हमारे जवानों ने 8 की रात को और 9 की सुबह को जो वीरता दिखाई है, मैं इसकी प्रशंसा करता हूं. सेना ने कुछ ही देर में घुसे हुए सभी लोगों को भगा दिया और हमारी भूमि की रक्षा की. अमित शाह ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस ने राजीव गांधी फाउंडेशन के एफसीआरए (विदेशी अनुदान नियमन कानून) पंजीकरण को रद्द करने संबंधी प्रश्नों से बचने के लिए संसद में सीमा मुद्दे को उठाया.
4. उन्होंने आरोप लगाया कि राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी दूतावास से एक करोड़ 35 लाख रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ था, जो एफसीआरए कानून और उसकी मर्यादाओं के अनुरूप नहीं था, इसलिए इसका पंजीकरण रद्द कर दिया गया. गृह मंत्री ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू के चीन प्रेम की वजह से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता छोड़ दी गयी. मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार है, तब तक कोई हमारी एक इंच भी जमीन कब्जा नहीं सकता.
5. इस मामले पर सदन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया. उन्होंने कहा कि 9 दिसंबर को पीएलए गुट ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में एलएसी पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया. चीन के इस प्रयास का हमारी सेना ने दृढ़ता के साथ सामना किया. इस झड़प में हाथापाई हुई. भारतीय सेना ने बहादुरी से पीएलए को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका और उन्हें उनकी केंद्र पर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया. इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें आईं.
6. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि मैं इस सदन को यह बताना चाहता हूं कि हमारे किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई है और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है. भारतीय सैन्य कमांडरों के समय पर हस्तक्षेप के कारण पीएलए सैनिक अपने स्थानों पर वापस चले गए. इस घटना के पश्चात क्षेत्र के स्थानीय कमांडर ने 11 दिसंबर को अपने चीनी समकक्ष के साथ स्थापित व्यवस्था के तहत एक फ्लैग मीटिंग की और इस घटना पर चर्चा की. चीनी पक्ष को इस तरह के एक्शन के लिए मना किया गया और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया. इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया गया है.
7. तवांग में हुई झड़प पर चीनी आर्मी ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने 'अवैध रूप से' विवादित सीमा पार की थी. इससे पहले चीन की ओर से कहा गया था कि हिंसक झड़प की रिपोर्ट्स के बाद भारत सीमा पर स्थिति ‘स्थिर’ है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से सीमा संबंधी मुद्दों पर सुचारू सपंर्क बनाए रखा है.
8. इस मामले पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री राजनीतिक नेतृत्व के मामले में नाकाम साबित हो रहे हैं. 9 तारीख को ये झड़प होती है और आप संसद में आज बताते हैं. अगर मीडिया इस पर बात नहीं करती तो फिर आप तो खामोश बैठ जाते. ये सब इनकी नाकामी है. आप हम सभी को उस जगह पर लेकर जाइए. देश के प्रधानमंत्री चीन का नाम लेने से डरते हैं. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि इस बात में कोई शक नहीं है कि तवांग पर चीन की नजरें हैं और हमें बहुत सावधान रहने की जरूरत है. इस विषय पर हर पार्टी, हर व्यक्ति हमारी सेना के साथ है.
9. भारतीय वायु सेना अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यथास्थिति बदलने की पिछले सप्ताह की गई चीनी बलों की एकतरफा कोशिश के बाद राज्य में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास हालात पर करीब से नजर रख रही है. इस घटनाक्रम के परिचित अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वायुसेना ने नौ दिसंबर को चीन की ओर से की गई अतिक्रमण की कोशिश के मद्देनजर इलाके में अपनी समग्र निगरानी बढ़ा दी है.
10. अधिकारियों ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है, जिसमें सुरक्षा संबंधी विशेष चिंताओं के मामले में लड़ाकू विमानों को तैनात करना शामिल है. उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना और थल सेना दोनों हालात पर निकटता से नजर रख रहे हैं. घटनाक्रम से परिचित अधिकारियों ने संकेत दिया कि भारतीय वायुसेना ने क्षेत्र में अपने लड़ाकू विमानों की उड़ानों की संख्या बढ़ा दी हैं.
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