India-China Conflict: अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांग्त्से में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प की चर्चा हर तरफ हो रही है. इसे लेकर कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें भारतीय सैनिक चीनियों के खदेड़ते नजर आ रहे हैं. इस बीच कुछ लोग यह भी जानना चाह रहे हैं कि जो सैनिक चीनी सेना से भिड़ रहे हैं, आखिर वो कौन हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, यह झड़प भारतीय सेना की तीन इकाइयों से हुई. ये तीनों अलग-अलग रेजिमेंट (जम्मू और कश्मीर राइफल्स, जाट रेजिमेंट और सिख लाइट इन्फैंट्री) से हैं.
संघर्ष के वक्त दो यूनिट थी वहां मौजूद
सूत्रों के मुताबिक, एक हफ्ते पहले हुई इस झड़प के दौरान जहां चीनी लाठियों और अन्य उपकरणों से लैस थे तो भारतीय सैनिक भी संघर्ष के लिए तैयार थे. भारतीय सैनिकों ने भी लाठी, डंडे और अन्य हथियार उठा लिए थे. झड़प से पहले भारतीय सेना की एक यूनिट वहां से निकल रही थी और एक नई यूनिट से रिलीव हो रही थी. हालांकि, चीनियों ने जब संघर्ष शुरू किया तब दोनों यूनिट क्षेत्र में मौजूद थीं. रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सेना के जवान हर साल इन इलाकों में घुसने की कोशिश करते हैं और अपनी क्लेम लाइन के बाहर पेट्रोलिंग करने की कोशिश करते हैं, जिसे भारत इजाजत नहीं देता. चीनी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर होलीदीप और परिक्रमा क्षेत्र के आसपास यांग्त्से में मुद्दों पर आक्रामक व्यवहार कर रही है.
चीनी सेना ड्रोन से शूट कर रही थी झड़प
सूत्रों का दावा है कि जिस वक्त झड़प हो रही थी, तब चीनी सेना ड्रोन के जरिये पूरी झड़प को शूट करने के लिए भी आई थी. वे यह शूट इस उम्मीद में कर रहे थे कि भारतीय सैनिकों को पछाड़ देंगे लेकिन उनके लिए यह उल्टा पड़ा. चीनी सैनिक 300 से ज्यादा की संख्या में थे. उन्होंने भारतीय सैनिकों पर पथराव भी किया लेकिन भारतीय सैनिकों ने उन्हें बुरी तरह पीटकर पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया.
क्या कहा गृह मंत्री और रक्षा मंत्री ने
गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि भारतीय सेना देश में कहीं भी किसी को एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं करने देगी. वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा कि भारतीय सेना के जवानों ने 9 दिसंबर को अरुणाचल के तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में चीनी सेना को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का उल्लंघन करने से बहादुरी से रोका. उन्होंने कहा, ''मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई भी भारतीय सैनिक नहीं मारा गया या गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ. मैं सदन को यह भी विश्वास दिलाता हूं कि हमारी सेना देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में सक्षम है. हमारी सेना किसी भी घुसपैठ से निपटने के लिए तैयार है.''
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