India China Faceoff: भारत-चीन सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग सेक्टर के यांग्त्से इलाके में हुई हिंसक झड़प को लेकर सरकार पर विपक्ष का हमला जारी है. वहीं, अब इस घटना को लेकर पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल शंकर रॉय चौधरी (General Shankar Roy Chowdhury) का बयान सामने आया है. पूर्व सेना अध्यक्ष ने इस घटना को लेकर कहा कि चीन के साथ भारत के संबंध हमेशा कुछ हद तक तनावपूर्ण रहेंगे क्योंकि बीजिंग (Beijing) भारत को अपनी स्थिति के लिए एक चुनौती मानता है. उन्होंने कहा कि एलएसी (LAC) पर घुसपैठ चीन और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच साजिश का परिणाम हो सकती है.


अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में शुक्रवार को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में दोनों पक्षों के सैनिकों को मामूली चोटें आईं. अरुणाचल प्रदेश के तवांग में तैनात भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया और झड़प में घायल हुए चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय सैनिकों से ज्यादा बताई जा रही है. चीनी लगभग 300 सैनिकों की भारी तैनाती के साथ आए थे लेकिन उन्हें भारतीय जवानों के भी अच्छी तरह से तैयार होने की उम्मीद नहीं थी. दोनों पक्ष तुरंत इस इलाके से हट गए हैं.


क्या बोले पूर्व आर्मी चीफ?


पूर्व सेना प्रमुख जनरल रॉय चौधरी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि, "यह एक बहुत ही मुश्किल एरिया है और अरुणाचल मोर्चा आम तौर पर शांत रहा है, जब वे होते हैं तो हमें इन घुसपैठों से निपटना पड़ता है. हमें बातचीत के लिए ओपन होना चाहिए." उन्होंने आगे कहा, "इस मुद्दे को केवल बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है और सैन्य रूप से नहीं. पाकिस्तान के मोर्चे पर युद्ध विराम के लिए बातचीत की जाती थी. चीनी मोर्चा जो आम तौर पर शांत रहता था लेकिन अब वहां तनाव पैदा होने लगा है. यह चीन और पाकिस्तान के बीच भारत पर दबाव बनाने की साजिश हो सकती है."


भारत को ज्यादा सर्तक रहने की सलाह 


पूर्व सेना प्रमुख ने आगे कहा, ''चीन अरुणाचल को अरुणाचल के रूप में रेफर नहीं करता. वे इसे 'जंगजान' कहते हैं और अरुणाचल को दक्षिणी तिब्बत मानते हैं. उन्होंने हमेशा इस पर दावा किया है, इसलिए भारत को अरुणाचल में ज्यादा सतर्कता बनाए रखनी होगी. चीन के साथ भारत के संबंध हमेशा कुछ हद तक तनावपूर्ण रहेंगे.'' उन्होंने कहा कि भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए की स्थानीय आबादी सीमावर्ती इलाकों को न छोड़े और इस बात का ध्यान रखें कि चीनी सीमा के करीब कस्बों और गांवों का निर्माण कर रहे हैं.


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