India-China Faceoff: LAC पर टेंशन के बीच बॉर्डर एरिया में तेजी से सड़कें बना रहा भारत, जानें स्टेटस
India-China Dispute: अरुणाचल प्रदेश में 5,700 फीट की ऊंचाई पर नेचिपु टनल का निर्माण कार्य चल रहा है. तवांग के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की ओर सेला दर्रा सुरंग का निर्माण किया जा रहा है.
India-China Clash: अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीनी सैनिकों के बीच अभी भी माहौल गरमाया हुआ है. इसी बीच भारत सरकार ने सीमा पर बुनियादी ढांचे के निर्माण की गति तेज कर दी है. भारत सीमावर्ती इलाकों में तेजी से सड़कों का निर्माण कर रहा है. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सीमावर्ती क्षेत्रों के आस पास नई सड़कें बनाने में लगा हुआ है. इसके साथ ही सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के सभी सीमावर्ती गांवों को एक दूसरे से अच्छी सड़क के माध्यम से जोड़ने की योजना बनाई है.
बीआरओ वर्तक परियोजना के तहत अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों के विकास कार्यों में लगा हुआ है. सरकार की योजना है कि इन क्षेत्रों का इंफ्रास्ट्रक्चर जल्दी से जल्दी बेहतर किया जाए. माना जा रहा है कि इस बार सड़क संपर्क मजबूत करने को लेकर काफी सावधानी बरतने की अपनी दशकों पुरानी नीति से पीछे हटते हुए भारत अब बड़े पैमाने पर बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दे रहा है.
नेचिपु टनल का काम भी तेजी पर
अधिकारियों के मुताबिक, 5,700 फीट की ऊंचाई पर नेचिपु टनल का निर्माण कार्य चल रहा है. डी-शेप में बनी ये सिंगल-ट्यूब डबल लेन टनल है जिसमें टू-वे ट्रैफिक की आवाजाही हो सकेगी. इसके साथ ही बीआरओ द्वारा अरुणाचल प्रदेश के तवांग के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की ओर सेला दर्रा सुरंग का निर्माण किया जा रहा है. इससे भारतीय सेना को सभी मौसम में संपर्क स्थापित करने में सहायता मिलेगी. बता दें कि यह सुरंग 13,000 फीट की ऊंचाई पर बनाई जा रही है. दर्रा सुरंग का निर्माण कार्य भी अगले 5-6 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा.
नेचिपु टनल क्यों बनाया गया
बीआरओ ने इस टनल को इसलिए बनाया है क्योंकि नेचिपु टनल के आसपास जबरदस्त कोहरा रहता है, जिसके कारण स्थानीय गाड़ियों के अलावा सेना की गाड़ियों की आवाजाही भी यहां बेहद मुश्किल से हो पाती है.
आपको बता दें कि वर्तमान में, भारतीय सेना के जवान और क्षेत्र के लोग तवांग पहुंचने के लिए बालीपारा-चारीदुआर रोड का उपयोग कर रहे हैं. क्योंकि ठंड के इस मौसम में अत्यधिक बर्फबारी के कारण सेला दर्रा मार्ग से संपर्क सर्दियों के दौरान प्रभावित हो जाता है। यही नहीं वाहनों की आवाजाही तक प्रतिबंधित हो जाती है
बता दें कि सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास पर मोदी सरकार ने शुरुआत से ही जोर दिया है. 2014 में सत्ता में आते ही उसने सबसे पहले मोदी सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) की स्थापना कर दी थी.