India China Border Clash: अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग सेक्टर (Tawang Sector) में 9 दिसम्बर को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प का एक बड़ा कारण येंकी पोस्ट बनी है. करीब 17 हजार फीट की ऊंचाई पर भारतीय सेना की ये सीमा चौकी चीन की पीएलए सेना की आंख की किरकिरी बनी हुई है. इसी चौकी से भारतीय सैनिकों को हटाने के लिए चीन के 300 सैनिक पहुंचे थे, जिन्हें भारतीय सेना ने खदेड़ दिया था.
जानकारी के मुताबिक, तवांग शहर से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर यांगत्से (Yangtse) इलाका है, जो भारत और चीन के बीच अरुणाचल प्रदेश में एक बड़ा फ्लैश-प्वाइंट है.
भारत-चीन के बीच लड़ाई की बड़ी वजह?
9 दिसम्बर की सुबह करीब 2 बजे चीन के 300-400 सैनिकों ने यांगत्से की येंकी चौकी पर चढ़ाई करने की कोशिश की थी. इस पोस्ट पर उस वक्त भारतीय सेना के करीब 50 सैनिक मौजूद थे. चीनी सैनिक लाठी-डंडों से लैस थे. कुछ सैनिकों ने हाथ में मंकी-फिस्ट पहना हुआ था, लेकिन भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों का डटकर मुकाबला किया और सुबह होने तक रोके रखा. इतनी देर में करीब वाली भारतीय चौकियों से भी रिइन्फोर्समेंट आ गई. इसके बाद भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को वहां से खदेड़ दिया और तब तक दम नहीं लिया जब तक कि चीनी सैनिक अपनी सीमा में नहीं पहुंच गए.
येंकी चोटी बनी चीन की आंखों की किरकिरी
यांगत्से की येंकी चोटी करीब 17 हजार फीट की ऊंचाई पर है. इस चोटी को भारतीय सेना 'डोमिनेट' करती है. इसके कारण भारतीय सेना एलएसी के दूसरी तरफ चीन की हर हरकत पर पैनी नजर रखती है. यांगत्से के दूसरी तरफ चीन का एक बॉर्डर-विलेज है जो यहां से साफ दिखाई पड़ता है. इसके अलावा इसी साल जुलाई के महीने में चीन ने इस बॉर्डर विलेज से यांगत्से के बेहद करीब तक एक नए सड़क का निर्माण किया था, वो भी यहां से साफ दिखाई पड़ती है.
चीनी सैनिकों की साजिश नाकाम
चीनी सैनिक जैसे ही इस सड़क से यांगत्से में दाखिल होने की कोशिश करते हैं, वैसे ही भारतीय सैनिकों को इस भनक लग जाती है. यही वजह है कि 9 दिसम्बर को चीनी सैनिक रात के 2 बजे वहां पहुंचे थे ताकि रात के अंधेरे का फायदा उठाया जाए, लेकिन भारतीय सैनिकों की मुश्तैदी से चीनी सैनिकों की साजिश कामयाब नहीं हो पाई.
साल 2021 में भी हुई थी घुसपैठ की कोशिश
इससे पहले सितंबर 2021 में भी चीनी सेना ने यहां ऐसे ही घुसपैठ की कोशिश की थी जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था और कुछ पीएलए सैनिकों को बंधक बना लिया था. हालांकि फ्लैग मीटिंग के बाद सभी चीनी सैनिकों को रिहा कर दिया गया था. इस साल 9 दिसम्बर की घटना के बाद भी भारतीय सेना ने जो आधिकारिक बयान जारी किया था उसमें भी लिखा था कि वर्ष 2006 से तवांग सेक्टर में दोनों देशों की सेनाओं के बीच विवाद चल रहा है.
इस बीच सोशल मीडिया पर भारत और चीन की सेनाओं की झड़प का वीडियो वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो इसी साल 9 दिसंबर की लड़ाई का है. लेकिन भारतीय सेना के सूत्रों ने साफ तौर से कह दिया है ये पुराना वीडियो है क्योंकि इस वीडियो में हरियाली साफ दिखाई पड़ रही है. जबकि इस वक्त यांगत्से में चौकियां बर्फ से ढकी हुई हैं.
ये माना जा रहा है कि ये वीडियो सितंबर 2021 का हो सकता है क्योंकि जब पिछले साल ये खबर सामने आई थी कि यांगत्से (Yangtse) में भारतीय सेना (Indian Army) ने चीनी सैनिकों को बंधक बना लिया है तो उसके तुरंत बाद चीन के सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में एक ऊंचाई वाली पोस्ट पर भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों को खदेड़ते हुए साफ तौर से देखे जा सकते हैं.
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