India-China Relation: भारत और चीन के बीच लंबे समय से सीमा विवाद जारी है और दोनों ही देश लगातार इसे सुलझाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. इस कड़ी में बुधवार (31 जुलाई) को भी भारत-चीन (India-China) ने पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद पर कूटनीतिक वार्ता की. दोनों देशों के बीच हुई इस कूटनीतिक वार्ता की जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी है. 


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सीमा विवाद पर कूटनीतिक वार्ता को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए शांति, स्थिरता और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का सम्मान आवश्यक है. बताया गया कि दोनों पक्षों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर शांति और सौहार्द बनाए रखने की आवश्यकता को लेकर भी सहमति व्यक्त की.


'चर्चा गहन और दूरदर्शी थी'


विदेश मंत्रालय ने बताया कि र्वी लद्दाख सीमा विवाद पर चीन के साथ कूटनीतिक वार्ता को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि चर्चा गहन, रचनात्मक और दूरदर्शी थी. बताया गया कि भारत-चीन ने संवाद को बरकरार रखने पर जोर दिया. बताया गया कि दोनों पक्ष स्थापित राजनयिक, सैन्य चैनल के माध्यम से संवाद कायम रखने पर सहमत हुए.


जयशंकर ने उठाया था मुद्दा


टोक्यो (Tokyo) में क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक (quad ministerial meeting) को संबोधित करते हुए बीते सोमवार (29 जुलाई) को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी भारत-चीन के मुद्दे पर बात की थी. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस दौरान कहा था कि भारत-चीन के बीच जारी विवाद का समाधान दोनों देशों को ही निकालना होगा.


'अच्छे नहीं है भारत-चीन संबंध'


विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक में कहा, 'भारत-चीन के संबंध अच्छे नहीं हैं और हमारे बीच समस्या है.' एस. जयशंकर ने ये भी कहा कि भारत और चीन के बीच जारी विवाद को हल करने के लिए किसी तीसरे देश के हस्तक्षेप की जरुरत नहीं है. दोनों देशों को खुद मिलकर ही समाधान को ढूंढना चाहिए.


(इनपुट पीटीआई से भी)


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