नई दिल्लीः भारत और चीन के सैन्य कमांडर्स के बीच सोमवार को करीब 11 घंटे लंबी मैराथन बैठक चली. हालांकि, देर रात तक ये साफ नहीं हुआ कि मीटिंग का नतीजा क्या रहा, लेकिन माना जा रहा है कि भारत ने चीन से एलएसी पर स्टेट्स क्यों बनाए रखने पर जोर दिया.
सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में भारत ने लद्दाख से सटी एलएसी पर स्टेट्स क्यों यानि मई महीने के शुरूआत वाली परिस्थितियों पर जाने पर जोर दिया. माना जा रहा है कि मीटिंग में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प का मुद्दा भी पुरजोर से उठा. हालांकिं जिस पैट्रोलिंग पॉइंट (पीपी) नंबर 14 पर ये हिंसक संघर्ष हुई थी वहां से सैनिक डिसइंगेज हो गए हैं लेकिन गलवान के दूसरे पीपी पॉइंट पर अभी भी फेसऑफ बना हुआ है. गलवान घाटी में हुई हिंसा की समीक्षा भी की गई और इस बात पर चर्चा हुई कि भविष्य में ऐसी घटना ना दोहराई जाएं.
भारत ने गलवान घाटी में कर्नल बी संतोष बाबू सहित कुल 20 जवानों की चीन द्वारा धोखे से हत्या करने का मामला उठाया. हालांकि, चीन ने ये नहीं बताया कि उसके कितने सैनिक मारे गए हैं लेकिन उसने चीनी सेना को हुए नुकसान की बात कबूल की. आपको बता दें कि गलवान घाटी में चीन के कमांडिंग ऑफिसर समेत कुल 40 सैनिक मारे गए थे. चीन के करीब 100-150 सैनिक घायल भी हुए थे.
दोनों देशों के कोर कमांडर्स के बीच ये दूसरी बड़ी बैठक थी. पहली बैठक 6 जून के हुई थी. ये मीटिंग इसलिए महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष के बाद हो रही थी.
भारत की तरफ से लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. जबकि चीन की तरफ से दक्षिणी शिंचियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक के कमांडर, मेजर जनरल लियु लिन ने. मीटिंग वास्तविक नियंत्रण रेखा यानि एलएसी पर चीन की तरफ मोलडो में बनी बॉर्डर पर्सनैल मीटिंग (बीपीएम) हट में चल रही है, जो भारत की चुशूल स्थित बीपीएम हट से सटी हुई है.
भारत ने फिंगर एरिया में चीनी घुसपैठ और गैर-कानूनी तरीके से कब्जा करने का पुरजोर विरोध किया.
चीन ने भारत के निर्माण कार्यों का विरोध किया. लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि भारत अपने अधिकार-क्षेत्र में सड़क इत्यादि का काम कर रहा है इससे चीन को आपत्ति नहीं होने चाहिए. दोनों देशों के कमांडर्स ने भारत और चीन के बीच सीमा पर हुईं संधियों पर भी लंबी चर्चा हुई.
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कोर कमांडर्स की और भी मीटिंग हो सकती हैं. इसके अलावा आने वाले दिनों में दोनों देशों के राजनयिक स्तर की बातचीत भी शुरू होने वाली है.
इस बीच भारत और चीन के सैनिकों की झड़प का एक और वीडियो सामने आया है. ये वीडियो उत्तरी सिक्किम के नाकूला दर्रे का माना जा रहा है जहां पिछले महीने यानि 9 मई को दोनों देशों के सैनिक
में मारपीट हुई थी. इस वीडियो में सेना की राजपूत रेजीमेंट के सैनिक चीनी सैनिकों पर हावी होते दिखाई पड़ते हैं. ये उत्तरी सिक्किम का इलाका हिमालय पर्वत श्रृंखला पार कर तिब्बत के पठार में है. इस झड़प में भारत के पांच (05) और चीन के सात (07) सैनिक घायल हुए थे. हालांकि, भारतीय सेना ने इस वीडियो के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी.
खबर ये भी है कि जल्द ही थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे लेह लद्दाख की यात्रा पर जा सकते हैं. राजधानी दिल्ली में चल रही दो दिवसीय आर्मी कमांडर्स कांफ्रेंस अगर मंगलवार को जल्दी खत्म हो जाती है तो थलसेना प्रमुख कल ही लेह लद्दाख जा सकते हैं. हालांकि, अभी तक सेना ने आधिकारिक तौर से अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है.
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