नई दिल्ली: भारत और चीन के कोर कमांडर स्तर की सोमवार को हुई बैठक में कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है, सिवाए इसके की दोनों देश बातचीत को और आगे बढ़ाना चाहते हैं ताकि एलएसी पर जल्द से जल्द डिसइंगेजमेंट हो सके. लेकिन चीन ने इस बीच भारत के सीमावर्ती इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर अपनी खीझ उतारी है.


करीब 13 घंटे चली बैठक के बाद मंगलवार को दोनों देशों ने साझा प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा के पश्चिमी सेक्टर (पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर) में डिसइंगेजमेंट को लेकर गहन विचार विमर्श किया है.


भारतीय सेना ने साझा प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि दोनों पक्षों (भारत और चीन) ने सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से संवाद और संचार बनाए रखने के लिए सहमति जाहिर की है और जल्द से जल्द ऐसे डिसइंगेजमेंट करें जो दोनों देशों को मान्य हो. साथ ही दोनों पक्ष इस बात के लिए राजी हो गए हैं कि दोनों देशों के नेताओं (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग) द्वारा ‘मतभेदों को विवादों में ना तब्दील होने देने की ’ सहमति को लागू करने और बॉर्डर पर शांति बनाए रखने के लिए तैयार हो गए हैं.


सोमवार को दोनों देश के कोर कमांडर्स ने एलएसी के चुशूल सेक्टर में 13 घंटे लंबी बैठक की थी। लेकिन इस साझा प्रेस रिलीज से ठीक पहले चीन के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को सीमावर्ती इलाकों में तैयार किए गए 44 पुलों और टनल को लेकर अपनी खीज उतारी और कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव का ‘मुख्य कारण’ भारत द्वारा बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट है.


आपको बता दें कि सोमवार को इन 44 पुलों का उदघाटन करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ तौर से कहा था कि चीन और पाकिस्तान एक ‘मिशन’ के तहत भारत की सीमा पर तनाव बढ़ाने की कोशिश करते हैं.


इस बीच मंगलवार को लेह स्थित 14वीं कोर के नए कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने अपना कार्यभार लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह से संभाल लिया है. हरिंदर सिंह ने लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी कोर में अपना एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है और उन्हें अब देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) का कमांडेंट नियुक्त किया गया है. अपने विदाई संदेश में लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने फायर एंड फ्यूरी के सभी सैनिकों को दुनिया के सबसे मुश्किल इलाके, मौसम और उंचाईयां पर अपनी सेवा और समपर्ण के लिए प्रशंसा की.



पदभार संभालने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने सभी सैनिकों को उत्साह के साथ अपना कर्तव्य पालन करने और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उत्पन्न किसी भी खतरे से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहने का आहवान किया. लेह स्थित 14वीं कोर की जिम्मेदारी चीन से सटी पूर्वी लद्दाख की सीमा तो है ही साथ ही करगिल, द्रास से सटी एलओसी और सियाचिन रणक्षेत्र की जिम्मेदारी है.


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