India China Relations: भारत ने बुधवार (21 जून) को पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने में अड़ंगा लगाए जाने को लेकर उसकी कड़ी आलोचना की. भारत ने चीन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि हमारे पास इस बात को मानने के कुछ बहुत ही पुख्ता कारण मौजूद हैं जिनके मुताबिक हम यह कह सकें कि दुनिया में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई करने के लिए बनाए गए ढ़ांचे में कुछ बहुत ही गलत हो रहा है. 


हाल ही में चीन ने भारत समर्थित यूएस के यूएन में दिए गए उस प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया जिसमें उसने साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था. अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता तो यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के नियम 1267 के मुताबिक अल-कायदा के इस आतंकवादी पर वैश्विक प्रतिबंध लग जाता और वह विश्व की कानूनी तौर पर यात्रा करने, ट्रांजैक्शन करने, और किसी भी तरह की कानूनी सहायता पाने से वंचित रह जाता.


चीन छोटे हितों के लिए बड़े आतंकियों पर नहीं लगा रहा है लगाम
भारत ने कहा कि अगर हम उन स्थापित आतंकवादियों को वैश्विक स्तर पर महज इसलिए बैन नहीं कर सकते हैं क्योंकि उनसे हमारे छोटे हित जुड़े हुए हैं तो सही अर्थों में हमारे लिए आतंकवाद से लड़ने का कोई भी मतलब नहीं रह जाता है.  शायद हमारी इच्छाशक्ति आतंकवाद से लड़ने की नहीं है. 


गौरतलब है कि चीन ने बीते साल सितंबर में यूएन में साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया था. साजिद मीर भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक है और 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी भूमिका के लिए उसके सिर पर 5 मिलियन डॉलर का अमेरिकी इनाम है. ऐसा माना जा रहा है कि चीन ने यह रोक पाकिस्तान से अपने निजी व्यापारिक हितों के लिए लगाया है. भारत समेत कई देशों ने चीन के इस वीटो की आलोचना की है. 


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