India-China Relations: इंडिया और चाइना के बीच सीनियर लेवल पर जल्द बातचीत शुरू हो सकती है. मंगलवार (पांच नवंबर, 2024) को सरकार के सूत्रों की ओर से 'एबीपी न्यूज' को बताया गया, "भारत और चीन के बीच वरिष्ठ प्रतिनिधियों के स्तर की बात होगी. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भारत के वरिष्ठ प्रतिनिध होंगे, जबकि वह उस दौरान चीनी समकक्ष के साथ मुलाकात करेंगे. वे भारत और चीन के रिश्तों को सामान्य बनाने के लिए आगे के कदमों पर निर्णय लेंगे, जिसमें व्यापार-पर्यावरण साझेदारी और सुरक्षा सहयोग जैसे अहम मुद्दे शामिल रहेंगे."


भारत-चीन के वरिष्ठ प्रतिनिधियों की बातचीत कब होगी? फिलहाल इसकी कोई आधिकारिक तारीख या शेड्यूल नहीं आया है. हालांकि, इतना जरूर माना जा रहा है कि यह आने वाले दिनों में हो सकती है. वैसे, यह मुलाकात ऐसे समय पर होगी, जब कुछ ही समय पहले दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पीछे हटाने के लिए समझौता हुआ था. 


चीन की तरफ से एक दिन पहले यानी कि सोमवार (चार नवंबर, 2024) को कहा गया कि इंडिया के साथ समझौते का कार्यान्वयन ‘‘इस समय सुचारू रूप से’’ जारी है पर इसने देपसांग और डेमचोक में दो टकराव बिंदुओं पर गश्त फिर से शुरू होने के बारे में टिप्पणी नहीं की. इंडिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इससे पहले शनिवार को नई दिल्ली में प्रेस से कहा था कि भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में दूसरे टकराव बिंदु देपसांग में वेरिफिकेशन पेट्रोलिंग (सत्यापन गश्त) शुरू कर दी है. पूर्वी लद्दाख में दो टकराव बिंदुओं से भारतीय और चीनी सैनिकों के पीछे हटने के एक दिन बाद शुक्रवार को डेमचोक में गश्त शुरू हो गई थी.


दरअसल, 21 अक्टूबर 2024 को कई हफ्तों की बातचीत के बाद भारत और चीन के बीच एक समझौता हुआ था, जिससे साल 2020 में पनपे मुद्दों का हल निकलने की उम्मीद है. समझौते के तहत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त और सैनिकों के पीछे हटने पर पर सहमति बनी थी, जिसे चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को खत्म करने में बड़ी सफलता माना गया. जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण झड़प के बाद दोनों एशियाई शक्तियों के बीच रिश्ते खराब हो गए थे.


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