नई दिल्ली: डोकलाम विवाद को लेकर भारत और तीन में तनातनी बढ़ती जा रही है. इस विवाद पर अमेरिका ने एक बार फिर कहा है कि भारत और चीन को बातचीत कर इस विवाद सुलझाना चाहिए. कल चीन ने जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में कल दो बार भारतीय इलाके में घुसपैठ की कोशिश भी की थी.
भारत और चीन आपस में बातचीत करें–अमेरिका
अमेरिका ने कहा कि वह चाहता है कि सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में चल रहे गतिरोध पर भारत और चीन आपस में बातचीत करें.
इससे पहले पिछले हफ्ते भी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नैरेट ने कहा था, ‘‘यह ऐसी स्थिति है जिस पर हम करीब से नजर रख रहे हैं.’’ उन्होंने कहा था, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं, हमारे संबंध दोनों सरकारों के साथ हैं. हम दोनों पक्षों को साथ बैठने और बातचीत करने को प्रोत्साहित कर रहे हैं. तब तक इसे अपने हाल पर छोड़ दें.’’
लद्दाख में चीन ने दो बार की घुसपैठ कोशिश
चीन ने लद्दाख में कल दो बार भारतीय इलाके में घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन भारतीय सैनिकों की मुस्तैदी ने दोनों ही बार उसके इरादों को नाकाम कर दिया. चीनी सैनिकों ने घुसपैठ में नाकाम होने पर भारतीय जवानों पर पथराव भी किया, जिसका जवाब उसी अंदाज़ में दिया गया. आखिरकार चीनी सैनिकों को वापस अपने इलाके में लौटना पड़ा.
क्या है पूरा विवाद?
दरअसल डोकलाम जिसे भूटान में डोलम कहते हैं. करीब 300 वर्ग किलोमीटर का ये इलाका चीन की चुंबी वैली से सटा हुआ है और सिक्किम के नाथुला दर्रे के करीब है. इसलिए इस इलाके को ट्राई जंक्शन के नाम भी जाना जाता है. ये डैगर यानी एक खंजर की तरह का भौगोलिक इलाका है, जो भारत के चिकन नेक यानी सिलिगुड़ी कॉरिडोर की तरफ जाता है. चीन की चुंबी वैली का यहां आखिरी शहर है याटूंग. चीन इसी याटूंग शहर से लेकर विवादित डोलम इलाके तक सड़क बनाना चाहता है.
इसी सड़क का पहले भूटान ने विरोध जताया और फिर भारतीय सेना ने. भारतीय सैनिकों की इस इलाके में मौजूदगी से चीन हड़बड़ा गया है. चीन को ये बर्दाश्त नहीं हो रहा कि जब विवाद चीन और भूटान के बीच है तो उसमें भारत सीधे तौर से दखलअंदाजी क्यों कर रहा है.16 जून से भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध जारी है.
डोकलाम: अमेरिका बोला- भारत और चीन को बातचीत कर सुलझाना चाहिए विवाद
एबीपी न्यूज़
Updated at:
16 Aug 2017 09:20 AM (IST)
हीथर नैरेट ने कहा था, ‘‘यह ऐसी स्थिति है जिस पर हम करीब से नजर रख रहे हैं.’’ उन्होंने कहा था, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं, हमारे संबंध दोनों सरकारों के साथ हैं. हम दोनों पक्षों को साथ बैठने और बातचीत करने को प्रोत्साहित कर रहे हैं.''
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