Army Chief On LAC: पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर चल रहे विवाद के बीच थलसेना प्रमुख (Army Chief) जनरल एम एम नरवणे (MM Naravane) ने साफ कर दिया है कि अगर चीन (China) ने युद्ध थोपने की कोशिश की तो भारत की जीत होगी. थलसेना प्रमुख ने कहा है कि भले ही चीन के साथ वार्ता चल रही है और कई जगहों पर विवाद खत्म हो गया है लेकिन एलएसी (LAC) पर खतरा बरकरार है. सेना दिवस (15 जनवरी) से पहले बुधवार को थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे सालाना प्रेस कॉफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. कोविड प्रोटोकॉल के चलते जनरल नरवणे ने ये मीडिया कॉफ्रेंस वर्चुअल माध्यम से की.
चीन ने युद्ध थोपा तो भारत की होगी जीत
मीडिया को संबोधित करते हुए थलसेना प्रमुख ने कहा कि पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर विवाद की जड़ चीनी सेना का बड़ा जमावड़ा है. जनरल नरवणे के मुताबिक, भले ही एलएसी के कई विवादित जगहों पर डिसइंगेजमेंट हो चुका है लेकिन अभी भी डि-एसक्लेशन (यानी सैनिकों की संख्या कम करना) और डिइंडक्शन यानी चीन की पीएलए सैनिकों का गैरिसन में वापस जाना बाकी है. जब तक ये डि-एसक्लेशन और डिइंडक्शन नहीं हो जाता तब तक एलएसी पर शांति नहीं आ पाएगी. जनरल नरवणे ने कहा कि चीन की सेना के जमावड़े के बाद भारत ने भी 25 हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाता पूर्वी लद्दाख मे की. इसका नतीजा ये हुआ कि भारत पिछले डेढ़ साल के मुकाबले आज चीनी सेना से निपटने में अच्छी स्थिति में है.
LAC पर स्थिति भारत के नियंत्रण में है-सेना प्रमुख
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जनरल एम एम नरवणे (MM Naravane) ने कहा कि चीनी खतरे से निपटने के लिए सेना की तैनाती में 'रिएलायनमेंट' भी किया गया है. एक सवाल के जवाब में थलसेना प्रमुख ने कहा कि एलएसी पर स्थिति स्थिर और भारत के नियंत्रण में है लेकिन अगर परिस्थितियां बिगड़ती हैं और युद्ध थोपने की कोशिश की गई तो भारत की जीत होगी. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि युद्ध 'लास्ट रेसोर्ट' होता है. जनरल नरवणे ने कहा कि चीन की पीएलए सेना से निपटने में भारतीय सेना पूरी तरह 'दृढ और मजबूत' है. जनरल नरवणे के मुताबिक, उत्तरी (चीन) सीमा पर कुछ सार्थक बदलाव भी आए हैं. इनमें कई विवादित इलाकों में डिसइंगेजमेंट शामिल है.
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सीमा विवाद सुलझने तक विवाद होते रहेंगे-सेना प्रमुख
बुधवार को भारत और चीन के मिलिट्री कमांडर्स के बीच चल रही मीटिंग को लेकर सेना प्रमुख ने उम्मीद जताई कि आखिरी विवादित इलाके, हॉट-स्प्रिंग के पैट्रोलिंग प्वाइंट यानि पीपी-15 पर इसमें चर्चा की जा रही है ताकि इसे भी सुलझा लिया जाए. उन्होनें कहा कि इसके बाद डेपसांग जैसे विवादित इलाकों को सुलझाने की कोशिश की जाएगी जो मौजूदा विवाद से पहले से दोनों देशों की सेनाओं के बीच में है. अरूणाचल प्रदेश में चीनी सेना की गतिविधियों कों लेकर थलसेना प्रमुख ने कहा कि जब तक भारत और चीन के बीच सीमा विवाद नहीं सुलझता है, एलएसी पर विवाद होते रहेंगे. उन्होनें कहा कि सीमा विवाद दोनों देशों के संबंधों में कांटे की तरह चुभता रहेगा.
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