सिक्किम: भारत-चीन बॉर्डर पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच विवाद की कई खबरें सुनने को मिलती रहती हैं. इस बार शनिवार उत्तरी सिक्किम के नाकु ला सेक्टर में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हो गई. दोनों देशों के लगभग 150 सैनिक आमने-सामने आ गए. सैनिकों में मारपीट हुई. इस दौरान चार भारतीय सैनिक और सात चाइनीज सैनिकों को चोट लगी. हालांकि प्रोटोकॉल के तहत अब मामला सुलझा लिया गया है.

अधिकारियों की ओर से इस झगड़े की कोई आधिकारिक वजह नहीं बताई गई है. लेकिन ऐसी जानकारी मिल रही है कि पेट्रोलिंग के समय जब दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आ जाते हैं तो विवाद होने की संभावना बन जाती है.

क्यों हुआ भारत-चीन सैनिकों का झगड़ा?

नाकु ला पास पांच हजार मीटर की ऊंचाई पर है. ये पूरा बर्फ का इलाका है. अब गर्मियों का मौसम आने से बर्फ पिघल गई है. दोनों देशों ने इलाके में पेट्रोलिंग शुरू कर दी है. इसी बीच दोनों देशों के सैनिकों का आमना सामना हुआ, बहसबाजी हुई और फिर बात मारपीट तक पहुंच गई.

एक वजह ये भी है कि यहां पर दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर मार्किंग नहीं है. जिस तरह से एलओजी पर दोनों देशों को अपनी-अपनी सीमाएं पता होती हैं, उस तरह से भारत-चीन बॉर्डर पर कोई मार्किंग नहीं है. इस वजह से इस इलाके में विवाद खड़ा होता रहता है. दोनों देशों के सैनिक पेट्रोलिंग करते रहते हैं. दोनों देश के सैनिक अपने-अपने हिसाब से पेट्रोलिंग करते हैं. पेट्रोलिंग करते समय जब सैनिक आमने-सामने आ जाते हैं तो बहसबाजी या धक्का-मुक्की हो जाती है.

इससे पहले अगस्त 2017 में लद्दाख की पेंगोंग झील में दोनों देशों के सैनिक भिड़ गए थे. भारतीय और चीनी सैनिकों में पेट्रोलिंग को लेकर टकराव हुआ था. दोनों के बीच धक्कामुक्की भी हुई थी जिसके चलते 'फेसऑफ' की स्थिति बन गई. बाद में दोनों देशों के ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत के बाद मामला सुलझा. उस घटना के बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प की अब यह पहली घटना सामने आई है.

जब डोकलाम पैदा हो गई थी युद्ध की स्थति...
भारत और चीन के सैनिकों के बीच 2017 में डोकलाम में सड़क निर्माण को लेकर 73 दिन तक गतिरोध चला था जिससे दोनों पड़ोसी देशों के बीच युद्ध की आशंका पैदा हो गई थी. भारत-चीन का जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3,488 किमी लंबा बॉर्डर है. इसका 220 किमी हिस्सा सिक्किम में आता है. चीन का दावा है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है जबकि भारत इसका खंडन करता आया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने डोकलाम गतिरोध के कुछ महीनों बाद चीनी शहर वुहान में दिसंबर 2018 में पहली अनौपचारिक वार्ता की थी.

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