हम सेना की तैनाती बढ़ाएंगे- चीन
चीन की सेना के प्रवक्ता वू कियान ने कहा, ‘’अपनी संप्रभुता की रक्षा करने का हमारा संकल्प कभी नहीं डिगने वाला है. हम हर कीमत पर अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के हितों की रक्षा करेंगे. इलाके में हालात को देखते हुए चीन की सेना ने कदम उठाए हैं. हम हालात को देखते हुए सेना की तैनाती बढ़ाएंगे.’’
भारत किसी तरह के भ्रम में न रहे- चीन
वू कियान ने कहा आगे कहा, ‘’मैं भारत को याद दिलाना चाहता हूं कि वो किसी तरह के भ्रम में न रहे. चीन की सेना का 90 साल का इतिहास हमारी क्षमता को साबित करती है. देश की रक्षा करने को लेकर हमारे विश्वास को कोई भी डिगा नहीं सकता. पहाड़ को हिलाना मुमकिन है लेकिन चीन की सेना को हिला पाना मुश्किल है.’’
27 जुलाई को चीन जा रहे हैं अजीत डोभाल
भारत और चीन के बीच जो विवाद 16 जून को शुरू हुआ था, आज उसका 39वां दिन है. स्थिति जस की तस बनी हुई है. चीन लगतार भारत को धमकी दे रहा है. ऐसे-ऐसे बयान दे रहा है जिससे साफ झलकता है कि वो भारत को उकसा रहा है. 27 जुलाई को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल चीन जा रहे हैं जहां वो ब्रिक्स देशों के एनएसए की मीटिंग में शामिल होंगे. कहा जा रहा है कि वहां चीन से डोकलाम विवाद पर चर्चा हो सकती है.
क्या है पूरा विवाद?
दरअसल डोकलाम जिसे भूटान में डोलम कहते हैं. करीब 300 वर्ग किलोमीटर का ये इलाका चीन की चुंबी वैली से सटा हुआ है और सिक्किम के नाथुला दर्रे के करीब है. इसलिए इस इलाके को ट्राई जंक्शन के नाम भी जाना जाता है. ये डैगर यानी एक खंजर की तरह का भौगोलिक इलाका है, जो भारत के चिकन नेक यानी सिलिगुड़ी कॉरिडोर की तरफ जाता है. चीन की चुंबी वैली का यहां आखिरी शहर है याटूंग. चीन इसी याटूंग शहर से लेकर विवादित डोलम इलाके तक सड़क बनाना चाहता है.
इसी सड़क का पहले भूटान ने विरोध जताया और फिर भारतीय सेना ने. भारतीय सैनिकों की इस इलाके में मौजूदगी से चीन हड़बड़ा गया है. चीन को ये बर्दाश्त नहीं हो रहा कि जब विवाद चीन और भूटान के बीच है तो उसमें भारत सीधे तौर से दखलअंदाजी क्यों कर रहा है.16 जून से भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध जारी है.
लगातार भारत के खिलाफ बयानबाज़ी कर रही है चीनी मीडिया
चीन की सीमाओं से जितने भी देशों की सीमाएं लगती हैं उन सबने इस बात की कभी ना कभी शिकायत की है कि चीन दादागीरी और चालाकी दिखाकर उनके इलाके को हड़प लेता है, डोकलाम पर भी चीन यही करना चाहता था, लेकिन भारत ने ऐसा होने नहीं दिया. इसीलिए चीन जानबूझकर भारत के खिलाफ माहौल बना रहा है, क्योंकि उसे पता है कि इस वक्त अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में भारत की साख उसके मुकाबले बेहद मजबूत है. विवाद के बाद चीनी मीडिया लगातार भारत के खिलाफ बयानबाज़ी कर रही है.