चीन की कायराना हरकत, गलवान घाटी में भारतीय जवानों को कील लगे डंडे से मारा गया
15 जून की रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने कील लगी लाठी से भारतीय जवानों पर हमला किया. चीनी सैनिकों से झड़प के दौरान भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे.
लद्दाख: चीन की सेना खुद को प्रोफेशनल आर्मी कहती है. लेकिन चीन की बेहद कायराना हरकत सामने आई है. जानकारी मिली है कि सोमवार को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर कील लगी रॉड से हमला किया है. भारतीय जवान पूरी तरह से निहत्थे थे. अचानक चीन के सैनिकों ने धोखे से कील लगे डंडे और कटीले तार लपटी हुई लोहे की रॉड से भारतीय जवानों पर हमला बोला. इसके सबूत भी सामने आ चुके हैं.
दरअसल, 1996 के समझौते के तहत भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिक गोली नहीं चला सकते. ऐसे में चीन ने एक नया कायराना तरीका अपनाया है. फिलहाल अब भारत सरकार विचार कर रही है कि एलएसी पर सेना को हथियार लेकर जाने की अनुमति दी जाए.
झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के साथ 15 जून को हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना ने अपने 20 जांबाज जवानों को खो दिया था. शहीद जवानों के पार्थिव शरीर अब उनके घरों में पहुंचने लगे हैं. ये 20 शहीद देश के अलग-अलग राज्यों के थे. सबसे ज्यादा 5 जवान बिहार के रहने वाले थे.
भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद बुधवार को पीएम मोदी ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ‘‘जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. देश की संप्रभुता सर्वोच्च है. देश की सुरक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता. इस बारे में किसी को भी जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिए.’’
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘‘भारत शांति चाहता है, लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम में है. हमारे दिवंगत शहीद वीर जवानों के विषय में देश को इस बात का गर्व होगा कि वे मारते-मारते मरे हैं..’’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
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