नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद में पाकिस्तान कूद पड़ा है. एबीपी न्यूज को सूत्रों से जानकारी मिली है कि भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने चीन के राजनयिक से मुलाकात की है.
एबीपी न्यूज को सूत्रों से यह जानकारी भी मिली है कि बासित ने भूटान के राजनयिक से भी दिल्ली में मुलाकात की है. अब्दुल बासित ने चीन के राजनयिक से दो दिन पहले मुलाकात की थी. पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने ये मुलाकात ऐसे समय की है जब डोकलाम विवाद पर भारत और चीन के बीच तनातनी बढ़ रही है और गतिरोध गहराता जा रहा है. दोनों देशों की तरफ से सीमा पर हलचल तेज़ होती जा रही है.
भारत को कतई घेरा नहीं जा सकता- सुषमा
वहीं, इस मामले पर कल सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में कहा था, ‘’डोकलाम विवाद पर भारत को कतई घेरा नहीं जा सकता. भूटाने जैसे छोटे देश पर चीन हावी हो रहा है. सभी देश मानते हैं कि भारत ने इस मामले पर जो भी मत रखा है वह बिलकुल सही है.’’ उन्होंने कहा था, ‘’भारत और चीन की सीमा अभी तय होनी है, वहीं चीन और भूटान की सीमा भी अभी तय होनी है. अगर चीन भारत की सुरक्षा को कोई नुकसान पहुंचाएगा तो भारत सहन नहीं करेगा.’’
क्या है डोकलाम विवाद?
दरअसल डोकलाम जिसे भूटान में डोलम कहते हैं. करीब 300 वर्ग किलोमीटर का ये इलाका चीन की चुंबी वैली से सटा हुआ है और सिक्किम के नाथुला दर्रे के करीब है. इसलिए इस इलाके को ट्राई जंक्शन के नाम भी जाना जाता है. ये डैगर यानी एक खंजर की तरह का भौगोलिक इलाका है, जो भारत के चिकन नेक यानी सिलिगुड़ी कॉरिडोर की तरफ जाता है. चीन की चुंबी वैली का यहां आखिरी शहर है याटूंग. चीन इसी याटूंग शहर से लेकर विवादित डोलम इलाके तक सड़क बनाना चाहता है.
इसी सड़क का पहले भूटान ने विरोध जताया और फिर भारतीय सेना ने. भारतीय सैनिकों की इस इलाके में मौजूदगी से चीन हड़बड़ा गया है. चीन को ये बर्दाश्त नहीं हो रहा कि जब विवाद चीन और भूटान के बीच है तो उसमें भारत सीधे तौर से दखलअंदाजी क्यों कर रहा है.16 जून से भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध जारी है.