(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सीमा विवाद: सेना प्रमुख के लद्दाख दौरे का दूसरा दिन आज, अग्रिम चौकियों का कर सकते हैं दौरा
इस दौरे में नरवणे चीनी सेना के साथ 7 हफ्ते से जारी गतिरोध पर वहां मौजूद सैन्य कमांडरों के साथ चर्चा करेंगे.लेह में जनरल नरवणे, चीन से लगी संवेदनशील सीमा की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली 14वीं कोर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह से बातचीत करेंगे.
नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के पूर्वी लद्दाख के दो दिवसीय दौरे का आज दूसरा दिन है. दौरे के पहले दिन नरवणे ने मंगलवार को पूर्वी लद्दाख में सेना की तैयारियों का जायजा लिया. वह क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे पर हैं, जहां पिछले हफ्ते चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. लेह पहुंचने के तुरंत बाद जनरल नरवणे ने सेना के अस्पताल का दौरा किया जहां 15 जून को गलवान घाटी में घायल हुए सैनिकों का इलाज चल रहा है.
सेना प्रमुख ने बहादुरी के लिए की घायल सैनिकों की प्रशंसा
सेना प्रमुख ने लगभग सभी घायल सैनिकों से बातचीत की और बहादुरी के लिए उनकी प्रशंसा की. अस्पताल का दौरा करने के बाद नरवणे ने कमांडरों के साथ क्षेत्र में संपूर्ण सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और समझा जाता है कि उन्होंने चीन की तरफ से किसी भी तरह के दु:साहस से निपटने के लिए उन्हें सतर्क रहने के निर्देश दिए. घटनाक्रम से अवगत लोगों ने यह जानकारी दी.
General MM Naravane #COAS interacting with our gallant soldiers at Military Hospital, Leh during his two day visit to Eastern #Ladakh. pic.twitter.com/pG22J7kIs4
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) June 23, 2020
कमांडर ले. जनरल वाईके जोशी भी साथ दौरे पर
नरवणे के साथ नार्दर्न कमांड के कमांडर ले. जनरल वाईके जोशी भी साथ दौरे पर हैं. इस दौरे में नरवणे चीनी सेना के साथ 7 हफ्ते से जारी गतिरोध पर वहां मौजूद सैन्य कमांडरों के साथ चर्चा करेंगे और पर्वतीय क्षेत्र में भारत की संपूर्ण सैन्य तैयारी का जायजा लेंगे. सेना प्रमुख आज अग्रिम चौकियों का दौरा कर सकते हैं और वहां मौजूद सैनिकों से बातचीत कर सकते है.
लेह में जनरल नरवणे, चीन से लगी संवेदनशील सीमा की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली 14वीं कोर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह से बातचीत करेंगे. पिछले सप्ताह वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने लद्दाख और श्रीनगर वायु सैनिक अड्डों का दौरा किया था और क्षेत्र में किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए भारतीय वायु सेना की तैयारियों का जायजा लिया था.
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