India China Meeting: भारत-चीन कोर कमांडरों की बैठक खत्म, साढ़े 8 घंटे चली वार्ता, पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने को लेकर हुई बातचीत
India China Meeting: सीमा विवाद को लेकर हुई ये बैठक लगभग 8.30 घंटे चली और रविवार शाम लगभग 7 बजे संपन्न हुई. बैठक में दोनों देशों के कोर कमांडरों के बीच पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने को लेकर बातचीत हुई.
India China Talk: पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर तनाव खत्म करने के लिए रविवार को भारत और चीन के मिलिट्री कमांडर्स के बीच 13वें दौर की बैठक साढ़े आठ घंटे चली. मीटिंग के नतीजा के बारे में अभी तक साफ साफ जानकारी सामने नहीं आई है.
जानकारी के मुताबिक, भारत और चीन के सैन्य कमांडर्स के बीच मीटिंग शाम 7 बजे खत्म हुई. सुबह 10.30 बजे चीन की पीएलए सेना के मोल्डो गैरिसन में ये मीटिंग शुरू हुई थी. जानकारी के मुताबिक, मीटिंग में पूर्वी लद्दाख के हॉट-स्प्रिंग से दोनों देशों के डिसइंगेजमेंट यानि सैनिकों के पीछे हटने पर चर्चा हुई. लेकिन, सूत्रों के मुताबिक, नतीजा के बारे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. क्योंकि दोनों देश के कमांडर्स मीटिंग के बारे में अभीअपने अपने देश के टॉप मिलिट्री और पॉलिटिकल लीडरशिप से मंत्रणा करेंगे. उसके बाद ही मीटिंग का कोई नतीजा सामने आ पायेगा.
भारत की तरफ से लेह स्थित 14वीं कोर (फायर एंड फ्यूरी कोर) के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल पी जी के मेनन ने मीटिंग में हिस्सा लिया. जबकि चीन की तरफ से दक्षिणी शिन्चियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर ने मीटिंग का प्रतिनिधित्व किया.
ये मीटिंग ऐसे समय में हुई जब एक दिन पहले ही चीन ने 16 महीने पहले हुए गलवान घाटी की हिंसा से जुड़ी आपत्तिजनक तस्वीरें जारी की थी. इससे पहले अरूणाचल प्रदेश में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए फेसऑफ यानि गतिरोध की रिपोर्ट आई थी. इस दौरान भारतीय सेना ने चीन की पीएलए सेना के कुछ सैनिकों को बंधक बना लिया था. हालांकि, दोनों देशों की फ्लैग मीटिंग के बाद इन सैनिकों को कुछ घंटों बाद रिहा कर दिया था और गतिरोध खत्म हो गया था.
पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर पिछले 17 महीने से चल रहे तनाव के दौरान 12 दौर की मीटिंग हो चुकी हैं. इस दौरान लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल (एलएसी) के फिंगर एरिया, कैलाश हिल रेंज और गोगरा इलाकों में तो डिसइंगेजमेंट हो चुका है, लेकिन हॉट स्प्रिंग, डेमचोक और डेपसांग प्लेन्स में तनाव अभी भी जारी है.
Power Crisis: देश में बिजली संकट और कोयले की कमी को लेकर जानिए सरकार ने क्या कुछ कहा है?