पूर्वी लद्दाख सीमा पर चीन के साथ तनाव पर विदेश मंत्रालय ने कहा, 'शांति वार्ता जारी रखेंगे'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'सैन्य वार्ताओं का उद्देश्य पूरी तरह से पीछे हटना और पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना है. हम सैन्य और राजनयिक माध्यमों से बातचीत जारी रखेंगे. दोनों देशों ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जल्द ही बातचीत का एक और दौर शुरू करने पर सहमति जतायी है.'
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव को लेकर चीन के साथ सैन्य और राजनयिक माध्यमों से भारत की बातचीत जारी रहेगी. भारत और चीन ने जल्द ही बातचीत के एक और दौर पर सहमति जतायी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने दोनों देशों की बीच जारी सैन्य बातचीत का जिक्र करते हुए ब्रिटिश समाचार पत्र 'द टाइम्स' की खबर को 'निराधार' बताकर खारिज कर दिया. उस खबर में चीन के एक प्रोफेसर के हवाले से दावा किया गया था कि चीन की सेना ने पूर्वी लद्दाख में भारतीय सैनिकों को मोर्चे से पीछे हटने को मजबूर करने के लिये 'माइक्रोवेव हथियारों' का इस्तेमाल किया था .
प्रवक्ता ने कहा कि सैन्य बातचीत का उद्देश्य पूरी तरह से पीछे हटना और पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना करना है. श्रीवास्तव ने ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में छह नवंबर को चुशुल में भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच हुई आठवें दौर की बातचीत का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'ये बातचीत स्पष्ट, गहन और रचनात्मक रहीं और दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गतिरोध वाले सभी बिंदुओं से पीछे हटने के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की.'
प्रवक्ता ने कहा, 'सैन्य वार्ताओं का उद्देश्य पूरी तरह से पीछे हटना और पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना है. हम सैन्य और राजनयिक माध्यमों से बातचीत जारी रखेंगे. दोनों देशों ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जल्द ही बातचीत का एक और दौर शुरू करने पर सहमति जतायी है.'
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