India China LAC Tensions: भारत और चीन के बीच बने गतिरोध को लेकर आज सुबह 11 बजे वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोऑर्डिनेशन (WMCC) की वर्चुअल बैठक होगी. इससे पहले, 10 अक्टूबर को सैन्य कमांडरों की बैठक के दौरान दोनों देशों ने बयान जारी किए थे. व्यापक-आधारित WMCC का नेतृत्व वरिष्ठ राजनयिक नवीन श्रीवास्तव करते हैं और इसमें सेना के अधिकारी, भारत तिब्बत सीमा पुलिस और रक्षा और गृह मंत्रालय शामिल हैं.


दूसरी तरफ, चीन का भी समान रूप से व्यापक-आधारित प्रतिनिधित्व है. बैठक के दौरान चर्चाओं में हॉट स्प्रिंग्स और डेपसांग से डिसइंगेजमेंट के मुद्दे पर बातचीत संभव है. इससे पहले, भारत और चीन 10 अक्टूबर को 13वें दौर की वरिष्ठ कमांडरों की बैठक के दौरान उत्पन्न गतिरोध के बाद वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कॉर्डिनेशन (WMCC) की एक और बैठक आयोजित करने पर सहमत हुए थे. भारत और चीन के बीच आखिरी वार्ता 10 अक्टूबर को हुई थी. ये बैठक करीब साढ़े 8 घंटे चली थी और इस बातचीत में पूर्वी लद्दाख में टकराव के बाकी बिंदुओं से सैनिकों की जल्द वापसी पर जोर दिया गया था.


भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में किया अभ्यास किया


भारत ने चीन के साथ जारी सीमा गतिरोध की पृष्ठभूमि में कड़ाके की सर्दी वाले मौसम में पूर्वी लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों तक सैन्य उपकरण और सामरिक सहायता पहुंचाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करते हुए एक व्यापक हवाई अभ्यास किया. अधिकारियों ने बताया कि वायु सेना और थल सेना द्वारा सोमवार को संयुक्त तौर पर किए गए इस हवाई अभ्यास का नाम ‘ऑपरेशन हरक्यूलिस’ था. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ उच्च तीव्रता वाले ‘एयरलिफ्ट’ का उद्देश्य उत्तरी सेक्टर में सामरिक आपूर्ति को मजबूत करना और अभियान वाले क्षेत्रों में शीतकालीन भंडार को बढ़ाना है.’’ भारतीय वायु सेना ने इस अभ्यास में अपने सी-17 ग्लोबमास्टर, आईएल-76 और एन-32 जैसे विमानों का इस्तेमाल किया.


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