नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिहं के घर सरकार की बड़ी बैठक में अहम फैसला लिया गया है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि भारत डोकलाम विवाद को कोशिश करेगा. भारत-चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच सरकार का ये फैसला काफी अहम है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को डोकलाम विवाद सुलझाने की जिम्मेदारी दी गई है.
खास बात ये है कि सरकार ने डोकलाम पर पीछे न हटने का फैसला आज शाम होने वाली सर्वदलीय बैठक से पहले लिया है. डोकलाम विवाद को लेकर आज राजनाथ सिंह के घर पर बड़ी बैठक हुई जिसमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल सहित गृह और रक्षा मंत्रालयों के बड़े अधिकारी शरीक हुए.
इस बैठक में आतंकी हमले पर भी चर्चा हुई और सुरक्षा में चूक की विवेचना की गई.
क्या है डोकलाम विवाद ?
दरअसल डोकलाम जिसे भूटान में डोलम कहते हैं. करीब 300 वर्ग किलोमीटर का ये इलाका चीन की चुंबी वैली से सटा हुआ है और सिक्किम के नाथुला दर्रे के करीब है. इसलिए इस इलाके को ट्राई जंक्शन के नाम भी जाना जाता है. ये डैगर यानी एक खंजर की तरह का भौगोलिक इलाका है, जो भारत के चिकन नेक यानी सिलिगुड़ी कॉरिडोर की तरफ जाता है. चीन की चुंबी वैली का यहां आखिरी शहर है याटूंग. चीन इसी याटूंग शहर से लेकर विवादित डोलम इलाके तक सड़क बनाना चाहता है.
इसी सड़क का पहले भूटान ने विरोध जताया और फिर भारतीय सेना ने. भारतीय सैनिकों की इस इलाके में मौजूदगी से चीन हड़बड़ा गया है. चीन को ये बर्दाश्त नहीं हो रहा कि जब विवाद चीन और भूटान के बीच है तो उसमें भारत सीधे तौर से दखलअंदाजी क्यों कर रहा है. 16 जून से भारत और चीन की सेना के बीच फेसऑफ यानी गतिरोध जारी है.