बर्फबारी से पहले LAC पर सेना के लिए ‘स्मार्ट-कैंप’ तैयार, माइनस 40 डिग्री तापमान तक में रहने की सुविधा
अगले कुछ दिनों में पूर्वी लद्दाख में बर्फबारी का अंदेशा है. शीत लहर के साथ माइनस 40 डिग्री तक पूर्वी लद्दाख में तापमान गिर जाता है.
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में चीन से सटी एलएसी पर भारतीय सेना ने बर्फबारी शुरू होने से पहले ही सैनिकों के लिए रहने का पूरा इंतजाम कर लिया है. इसके लिए एलएसी के करीब ही स्मार्ट-कैंप बनाए गए हैं जिनमें सैनिकों के रहने के लिए खास शैलटर बनाए गए हैं जिनमें बिजली-पानी से लेकर माइनस (-) 40 डिग्री तापमान तक में रहने की सुविधा है.
पूर्वी लद्दाख में कुछ इलाके ऐसे हैं जहां 40-40 फीट ऊंची बर्फ पड़ती है. ऐस में सैनिकों के लिए स्मार्ट-शेल्टर्स बनाने बेहद जरूरी थे. बर्फबारी और शीत-लहर के चलते आने वाले दिनों में तापमान (-) 30 से 40 डिग्री तक गिरने की संभावना है. ऐसे में भारतीय सेना ने अपने उन सभी करीब 50 हजार सैनिकों के लिए खास स्मार्ट-कैंप बनाने का दावा किया है जो इस समय चीन से सटी एलएसी पर तैनात हैं. सैनिकों के लिए आवासीय-सुविधा इसलिए भी बेहद जरूरी है क्योंकि यहां तक पहुंचने वाली सड़कें भी कुछ समय के लिए बर्फबारी, एवलांच इत्यादि के चलते बाधित हो जाती हैं.
सैन्य अफसर के मुताबिक, एलएसी पर तैनात सभी सैनिक पूरी तरह से फिट हैं और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं. वरिष्ठ सैन्य अफसर के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में पिछले कई वर्षों से एकीकृत-सुविधाओं वाले स्मार्ट-कैंप्स के अलावा अतिरिक्त सैनिकों के लिए भी स्टेट ऑफ द आर्ट हैबिटाइट तैयार किए गए हैं जिनमें बिजली, पानी, हीटिंग-सुविधाओं के अलावा स्वास्थ और स्वच्छता का खास ध्यान रखा गया है.
एलएसी से प्राप्त हुए इन स्मार्ट-कैंप्स की वीडियो देखकर पता चलता है कि इन शिविरों में सिपाही और जेसीओ (जूनियर कमीशंड अधिकारियों) के अलग-अलग रहने की सुविधा दी गई है-जैसा कि सेना के बैरक में होता है. इन कैंपों में एक-एक शेल्टर में तीन से चार सैनिक आराम से रह सकते हैं.
इसके अलावा बेहद जल्दी से तैयार होने वाले मॉडियूलर-शेल्टर्स भी तैयार किए गए हैं जिनमें ट्रेन के डिब्बों की तरह बर्थ दी गई हैं. बैरल-टाइप शेल्टर्स में एक साथ करीब एक दर्जन सैनिक आराम से रह सकते हैं. कंटनेर-टाइप और पोर्टा-कैबिन शेल्टर्स भी बनाए गए हैं. पूर्वी लद्दाख क्योंकि पूरी तरह ठंडा रेगिस्तान है इसलिए सैनिकों के पीने के पानी के लिए खास वैल-बोरिंग रिग से पानी का इंतजाम किया गया है.
क्योंकि इतने सर्द मौसम में सेना की गाड़ियों, टैंक और बीपीएम व्हीकल्स के भी खराब होने का खतरा बना रहता है इसलिए व्हीक्ल्स के लिए भी खास शेड बनाए गए हैं ताकि रात में गाड़ियों की पार्किंग की तरह इस्तेमाल किया जा सके.
ये स्मार्ट- कैंप एलएसी से थोड़ा दूर बनाए गए हैं. जबकि फ्रंटलाइन पर तैनात सैनिकों की टेक्टिकल-जरूरतों को ध्यान में रखते हुए गर्म-टैंट (आर्टिक-टैंट) में रहने की सुविधा दी गई है. जानकारी के मुताबिक, किसी भी इमरजेंसी से निपटने के लिए सिविल-इंफ्रास्ट्रक्चर की भी पहचान की गई है ताकि सैनिकों की जरूरतों को पूरा किया जा सके.
बता दें कि पिछले करीब सात महीनों से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर चीन से भारत का सीमा विवाद चल रहा है. जिसके चलते भारत ने करीब 40 हजार अतिरिक्त सैनिकों को लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल पर तैनात किया है. इसके अलावा टैंक, तोप और दूसरी हैवी मशीनरी को भी तैनात किया गया है. दोनों देशों के बीच आठ दौर की कोर कमांडर स्तर की बैठकें हो चुकी हैं लेकिन विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.
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