भारत ने भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या की निंदा की है. समाचार एजेंसी रॉयटर के लिए काम करने वाले पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत शुक्रवार को अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में पाकिस्तान से लगे एक ‘बॉर्डर क्रॉसिंग’ के पास अफगान सैनिकों और तालिबान आतंकवादियों के बीच भीषण लड़ाई की कवरेज करने के दौरान हुई.
यूएनएससी में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, “हम भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या की निंदा करते हैं, जब वह कल अफगानिस्तान के कंधार में रिपोर्टिंग असाइनमेंट पर थे. मैं उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं.”
तालिबान ने सौंपा दानिश सिद्दीकी का शव
वहीं, दानिश सिद्दीकी का शव तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस समिति (आईसीआरसी) को सौंप दिया है. सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि तालिबान द्वारा रेडक्रॉस समिति को शव सौंपे जाने की सूचना भारत को दे दी गई है और भारतीय अधिकारी पत्रकार के शव को वापस लाने के लिए काम कर रहे हैं. इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, ‘‘हमें सूचना मिली है कि तालिबान ने शव आईसीआरसी को सौंप दिया है. हम अफगान अधिकारियों और आईसीआरसी के साथ मिलकर शव को वापस लाने के लिए काम कर रहे हैं.’’
सूत्रों ने बताया कि काबुल स्थित भारतीय दूतावास सिद्दीकी का शव वापस लाने के लिए अफगान अधिकारियों के संपर्क में है. इससे पहले, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि सरकार फोटो पत्रकार के परिवार के संपर्क में है. अफगानिस्तान के मीडिया प्रतिष्ठान तोलो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से कहा कि सिद्दीकी कंधार के स्पिन बोल्दाक जिले में लड़ाई को कवर करते हुए मारे गए.
दानिश ने मास कम्युनिकेशन का कोर्स एमसीआरसी जामिया मिल्लिया इस्मलामिया नई दिल्ली से किया था. उसके बाद वो टीवी रिपोर्टर के तौर पर वो अलग-अलग टीवी चैनलों से जुड़े. इसके बाद वो फोटोग्राफी के क्षेत्र में उतरे. दिल्ली में पैदा हुए और बढ़े हुए दानिश का परिवार जामिया यूनिवर्सिटी के पास के इलाके गफ्फार मंज़िल में रहता है. उनकी पत्नी जर्मन हैं और दो बच्चे हैं.
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