लंदन: ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी ने कश्मीर पर बुधवार को एक आपात प्रस्ताव पारित करते हुए पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन से अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को क्षेत्र में जाने और उसके लोगों के आत्म निर्णय के अधिकार की मांग करने के लिए कहा. भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों ने इसकी आलोचना करते हुए इसे गलत विचार पर आधारित और भ्रामक जानकारी बताया.


इस बीच, भारत ने कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग करने वाली ब्रिटेन की लेबर पार्टी के प्रस्ताव की आलोचना की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने लेबर पार्टी के कदम को वोट बैंक हितों को साधने वाला बताया. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर लेबर पार्टी या उसके प्रतिनिधियों से बातचीत करने का कोई सवाल नहीं है.





कश्मीर पर ब्रिटिश सरकार के आधिकारिक रुख के विपरीत विपक्ष ने यह प्रस्ताव पेश किया है. ब्रिटिश सरकार का रुख रहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है. बता दें कि भारत ये साफ कर चुका है कि कश्मीर उसका और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला है. इसमें किसी के हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है.


गौरतलब कि भारत सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था. जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया. इसमें एक केंद शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और एक केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख बनाया गया. वहीं इस फैसले के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार खत्म करने जैसा फैसला लिया. पाकिस्तान ने कई बार कश्मीर मुद्दे को अंतराष्ट्रीय मंच पर ले जाने की कोशिश की लेकिन उसकी हर कोशिश नाकाम साबित हुई है.


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