Ballistic Missile: भारत के वायुमंडल में दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइल और फाइटर जेट्स के दाखिल होने से पहली ही मार गिराई जा सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत ने बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस यानि बीएमडी की फेज़-2 मिसाइल सिस्टम का पहली बार सफल परीक्षण किया है. इस मिसाइल सिस्टम की रेंज एक्सो-एटमेसफियर यानि वायुमंडल के ठीक बाहर तक है और अपनी वायुमंडल में दुश्मन की मिसाइल और फाइटर जेट को घुसने नहीं देगी. 


बुधवार को डीआरडीओ ने ओडिशा तट से फ़ेज- II बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस इंटरसेप्टर का पहला सफल उड़ान परीक्षण किया. रक्षा मंत्रालय ने इस परीक्षण पर आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 02 नवंबर को ओडिशा के तट के पास स्थित एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लार्ज किल ऐल्टिट्यूड ब्रैकेट के साथ फ़ेज- II बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) इंटरसेप्टर एडी -1 मिसाइल का पहला सफल उड़ान परीक्षण किया. उड़ान-परीक्षण विभिन्न भौगोलिक स्थानों पर स्थित सभी बीएमडी हथियार प्रणाली तत्वों की भागीदारी के साथ किया गया.


क्षामंत्री ने दी बधाई, कहा-यह बहुत कम देशों के पास है


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और एडी-1 के सफल उड़ान परीक्षण से जुड़ी अन्य टीमों को बधाई दी है. उन्होंने इसे दुनिया के बहुत कम देशों के पास उपलब्ध उन्नत प्रौद्योगिकियों के साथ एक अनूठे प्रकार का इंटरसेप्टर बताया. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इससे देश की बीएमडी क्षमता अगले स्तर तक और मजबूत होगी.


रक्षा विभाग अनुसंधान एवं विकास के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने सफल परीक्षण पर अपनी टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह इंटरसेप्टर उपयोगकर्ताओं को अत्यधिक संक्रियात्मक उपयोग क्षमता प्रदान करेगा और कई अलग-अलग प्रकार के लक्ष्यों को भेदने की क्षमता रखेगा.


जानिए क्या है इसकी खूबी


AD-1 एक लंबी दूरी की इंटरसेप्टर मिसाइल है जिसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ-साथ विमान के कम एक्सो-वायुमंडलीय और एंडो-वायुमंडलीय अवरोधन दोनों के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह दो चरणों वाली ठोस मोटर द्वारा संचालित है और वाहन को लक्ष्य तक सटीक रूप से मार्गदर्शन करने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित उन्नत नियंत्रण प्रणाली, नेविगेशन और मार्गदर्शन एल्गोरिदम से लैस है.






 


एडी-1 एक लंबी दूरी की इंटरसेप्टर मिसाइल है जिसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ-साथ विमानों के लो एक्सो-ऐट्मसफेरिक और एंडो-ऐट्मसफेरिक इंटरसेप्टर दोनों के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह द्विस्तरीय सुगठित मोटर द्वारा संचालित है और स्वदेशी रूप से विकसित उन्नत नियंत्रण प्रणाली, नेविगेशन और मार्गदर्शन एल्गोरिदम से लैस है ताकि वाहन को लक्ष्य तक सटीक रूप से मार्गदर्शन किया जा सके.


रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, उड़ान परीक्षण के दौरान, सभी उप-प्रणालियों ने अपेक्षाओं के अनुसार प्रदर्शन किया और उड़ान डेटा को अपने नियंत्रण में लेने के लिए तैनात रेडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग स्टेशनों सहित कई रेंज सेंसरों द्वारा नियंत्रण में लिए गए डेटा द्वारा विधिमान्य किया गया.


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