नई दिल्ली: कश्मीर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता वाले बयान पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कराड़ा जवाब दिया है. उन्होंने साफ किया है कि इस मसले पर किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है. दरअसल कश्मीर पर मध्यस्थता को लेकर ट्रंप के ताजा बयान के बाद आज बैंकॉक में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो और भारत के विदेश मंत्री एस जशंकर की मुलाकात हुई. इस मुलाकात में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कड़ी आपत्ति जताई है. विदेश मंत्री ने कहा है कि कश्मीर का मसला द्विपक्षीय है और इसमें किसी तीसरे की मध्यस्था की जरूरत नहीं है.
इस मुलाकात के बारे में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘(अमेरिका के विदेश मंत्री) पोम्पिओ से क्षेत्रीय मामलों पर विस्तृत वार्ता हुई. अमेरिकी समकक्ष पोम्पिओ को आज सुबह स्पष्ट रूप से यह बता दिया गया कि यदि कश्मीर पर किसी वार्ता की आवश्यकता हुई, तो वह केवल पाकिस्तान के साथ होगी और द्विपक्षीय होगी.’’
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का राग छेड़ दिया है. उन्होंने अमेरिका में गुरुवार को दिए बयान में कहा कि अगर भारत-पाक चाहें तो वो मध्यस्थ न सकते हैं. सब पीएम मोदी पर निर्भर करता है. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ''ये सब कुछ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निर्भर करता है. मुझे लगता है कि इमरान खान और नरेंद्र मोदी दोनों जबर्दस्त इंसान हैं. मुझे लगता है दोनों की एक दूसरे से अच्छी पटेगी. लेकिन अगर वो लोग किसी की मध्यस्थता चाहते हैं तो मैं मदद कर सकता हूं. मैंने पाकिस्तान से बात की थी औऱ मैंने इस बारे में भारत में भी बात की थी.''
इससे पहले भी जब इमरान खान के पाकिस्तान दौरे के दौरान भी राष्ट्रपति ने भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की बात कही थी. इसके बाद भारत में ट्रंप के बयान को लेकर जबरदस्त विरोध हुआ था. संसद में भी विपक्ष ने इस मुद्दे को जोर शोऱ से उठाते हुए पीएम मोदी के बयान की मांग की थी. इस पर दोनों सदनों में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब देते हुए कहा था कि पीएम मोदी ने ट्रंप के सामने कश्मीर के मुद्दे पर कुछ नहीं कहा. विदेश मंत्री के बयान के बाद भी जब विपक्ष शांत नहीं हुआ तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी लोकसभा में बयान दिया था. अब एक बार फिर ट्रंप का बयान सामने आने के बाद विपक्ष के हंगामे के आसार हैं.
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