नई दिल्लीः अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत ने कांधार के बाद अब मज़ार-ए-शरीफ़ में अपना काऊंसलेट बंद करने का फैसला किया है. भारत सरकार ने अपने राजनयिकों, अधिकारियों और अन्य भारतीयों को वापस लाने का फैसला किया है. भारतीय अधिकारी बुधवार सुबह तक भारत पहुंच जाएंगे.


सरकार के उच्च सूत्रों ने जानाकारी दी है कि इसके लिए बाकायदा एक विशेष विमान काबुल पहुंच चुका है. विमान मज़ार-ए-शरीफ़ पहुंच कर भारती अधिकारियों को लेकर आज शाम तक उड़ान भर सकता है. भारत सरकार ने यह फैसला ऐसे वक्त में लिया है जब अफगानिस्तान के शहर मज़ार-ए-शरीफ़ में सुरक्षा व्यवस्था बिगड़ती जा रही है.


आपको बता दें कि चंद दिनों पहले ही अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बात हुई थी. दोनों के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अफगानिस्तान-तालिबान पर विशेष चर्चा कराने की मांग की थी. जिसके बाद वहां इस अहम मुद्दे पर चर्चा कराई गई थी.


इस चर्चा के दौरान भारत ने साफ तौर पर कहा था कि शांति स्थापित करने के लिए तालिबान को आतंकवाद का रास्ता छोड़ना चाहिए और साथ ही अल कायदा और दूसरे आतंकी संगठनों से ताल्लुक तोड़ने चाहिए. भारत की ओर से सुरक्षा परिषद में हुए इस चर्चा को लेकर यह भी कहा गया था कि बातचीत की प्रक्रिया में दबाव बढ़ाने के लिए तालिबान हिंसा का इस्तेमाल नहीं कर सकता.


बता दें कि इन दिनों अफगानिस्तान में सेना और तालिबानियों के बीच संघर्ष जारी है. तालिबानियों की कोशिश है कि जल्द से जल्द काबूल शहर पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया जाए जबकि सेना की कोशिश है इन आतंकियों को शहर से बाहर खदेड़ दिया जाए.


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