China on Bipin Rawat Death: भारत के पड़ोसी देश चीन का संवेदनहीन चेहरा सामने आया है. धोखेबाज चीन का शहादत के वक्त भी नैतिकता भूल गया है. सीडीएस बिपिन रावत की मौत के बाद चीनी सरकार ने अपने मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के जरिए भारत की सेना के अनुशासन पर सवाल उठाए हैं. जनरल रावत की मौत को चीन ने भारतीय सेना की खामी का नतीजा बताया है. जानिए ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख में क्या लिखा है.
ग्लोबल टाइम्स ने क्या लिखा?
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, ''हेलिकॉप्टर क्रैश में भारत के रक्षा प्रमुख की मौत ने न केवल भारतीय सेना में अनुशासन और युद्ध की तैयारियों की कमी को उजागर किया है. बल्कि देश के सैन्य आधुनिकीकरण को भी भारी झटका लगा है. चीन विरोधी भारत के एक रक्षा अधिकारी की मौत के बाद भी दोनों देशों के सीमावर्ती क्षेत्रों में भारत के आक्रामक रुख में बदलाव की संभावना नहीं है.''
ग्लोबल टाइम्स ने बिपिन रावत को बताया चीन विरोधी
ग्लोबल टाइम्स ने जो जहर उगला है, उसके मुताबिक जनरल बिपिन रावत को चीन विरोधी बताया गया है और भारतीय सेना में अनुशासन की कमी. दुनिया की टॉप प्रोपेशनल सेना में भारतीय सेना को शुमार किया जाता है, उसे चीन अनुशासनहीन सैन्य संस्कृति वाला बता रहा है. चीन कह रहा है भारतीय सेना ने एसओपी को फॉलो नहीं किया.
जिनपिंग सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू शीजिन जी को क्या ये नहीं मालूम कि शहीद सैनिक भले ही दुश्मन देश का क्यों ना हो उसकी शहादत पर संगीनें भी झुक जाती हैं. जनरल बिपिन रावत के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए श्रीलंका के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ भारत पहुंच रहे हैं.. भूटान के सेना प्रमुख भी भारत आ रहे हैं, लेकिन चीन में ऐसी संवेदना का घोर अभाव है.
पूर्व थलसेना प्रमुख ने दिया चीन को जवाब
भारतीय सेना पर सवाल उठाने वाले ग्लोबल टाइम्स को पूर्व थलसेना प्रमुख वी पी मलिक ने जवाब दिया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, ''सामाजिक नैतिकता और मूल्यों की बड़ी कमी है, ऐसे में हम PLA से क्या उम्मीद कर सकते हैं? CDS बिपिन रावत की मौत पर चीनी मुखपत्र द्वारा असंवेदनशील और अनुचित टिप्पणी. कोई भी देश सहानुभूति और नैतिकता की ऐसी कमी कैसे दिखा सकता है? लेकिन ये चीन है. उनके पास मानवाधिकारों के हनन और युद्ध अपराध का इतिहास है.''