इस्लामाबाद: भारत ने कुलभूषण जाधव को दूतावास सलाह उपलब्ध कराने की मांग की है. पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने भारतीय नागरिक को कथित रूप से जासूसी के लिये मौत की सजा सुनायी है. पाकिस्तान में मौत की सजा दी जा चुकी है.


इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त गौतम बम्बावाले ने पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जंजुआ से मुलाकात के दौरान यह मांग रखी. 19 अप्रैल को बम्बावाले और तहमीना के बीच बैठक के कार्यक्रम में बदलाव किया गया था.

पाकिस्तान बीते 1 साल में कई बार 46 साल के जाधव को दूतावास सलाह उपलब्ध कराने के भारत के अनुरोध को खारिज कर चुका है. पाकिस्तान की सेना जाधव को दूतावास सलाह उपलब्ध कराने की मंजूरी की किसी भी गुंजाइश को पहले ही खारिज कर चुकी है. जाधव को कथित रूप से जासूसी और विघटनकारी (देश को तोड़ने की) गतिविधियों के लिये मृत्युदंड की सजा सुनायी गयी है.

बम्बावाले ने 14 अप्रैल को पाकिस्तानी विदेश सचिव से मुलाकात की थी और जाधव के भविष्य को लेकर भारत की चिंता जाहिर की थी. बैठक के बाद बम्बावाले ने मीडिया को बताया कि उन्होंने जाधव की सजा के खिलाफ अपील करने के लिये आरोपों की लिस्ट और जाधव के विरूद्ध सैन्य न्यायाधिकरण के फैसले की प्रामाणिक प्रति उपलब्ध कराने के लिये कहा.

उन्होंने कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक मानवीय आधार पर जाधव को दूतावास सलाह उपलब्ध कराने की मांग की थी. पाकिस्तान के विदेश विभाग ने कहा है कि जाधव की सुनवाई के दौरान न्यायिक प्रक्रिया का पालन किया गया और पाकिस्तान के संविधान और संबंधित कानून के अनुरूप उन्हें वकील मुहैया कराया गया था.

पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त ने पाकिस्तान के विदेश सचिव से मुलाकात की और भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को दूतावास सलाह उपलब्ध कराने की मांग की.

पाकिस्तान के ‘फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल’ ने इस महीने के शुरू में जाधव को मृत्युदंड की सजा सुनायी थी, जिसे लेकर भारत में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी. भारत ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर इस ‘‘पूर्वनिर्धारित हत्या’’ को अंजाम दिया गया तो पाकिस्तान को इसके नतीजे भुगतने होंगे और द्विपक्षीय संबंधों पर इसका असर भी पड़ेगा. पाकिस्तान ने दावा किया कि जाधव के कथित रूप से ईरान से पाकिस्तान में प्रवेश करने की सूचना के बाद इसके सुरक्षा बलों ने देश के अशांत बलूचिस्तान से पिछले साल तीन मार्च को उसे गिरफ्तार किया था. उसने यह भी दावा किया कि जाधव ‘‘भारतीय नौसेना का एक कार्यरत अधिकारी’’ था.

जाधव की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तानी सेना ने उसका एक ‘‘कबूलनामा वीडियो’’ भी जारी किया था. बहरहाल, पाकिस्तान के दावे को खारिज करते हुए भारत अपनी इस बात पर कायम रहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने जाधव का अपहरण किया था. भारत ने यह माना था कि जाधव नौसेना में कार्यरत था लेकिन उसने इस बात से इनकार किया कि उसका सरकार से कोई संपर्क था.